क्या फिर जेल जाएगा निठारी हत्याकांड का आरोपी सुरेंद्र कोली? सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च को करेगा सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर, 2023 को पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया था. सीबीआई और यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (26 जनवरी, 2025) को कहा कि वह 2006 के निठारी सिलसिलेवार हत्याकांड में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 25 मार्च को सुनवाई करेगा. जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि यह मामला उत्तर प्रदेश के निठारी में हुई बेहद वीभत्स हत्याओं से जुड़ा है.
सुरेंद्र कोली के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ सबूत एक इकबालिया बयान है, जो मामले में कोली के पुलिस हिरासत में रहने के कई दिनों बाद दर्ज किया गया था. बेंच ने अपनी रजिस्ट्री को अन्य संबंधित मामलों में निचली अदालत के रिकॉर्ड को जल्द तलब करने और मामले में उपस्थित वकीलों को इसकी प्रतियां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च के लिए निर्धारित की गई.
साल 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की. हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर, 2023 को कोली को बरी किया था. पीठ ने याचिकाओं पर सुरेंद्र कोली से जवाब मांगा था और इसे इसी तरह की लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ दिया था.
सुरेंद्र कोली को 28 सितंबर, 2010 को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली पर उत्तर प्रदेश के निठारी में अपने पड़ोस में रहने वाले लोगों की हत्या का आरोप था, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे. कई पीड़ितों के साथ बलात्कार भी किया गया था. हाईकोर्ट ने मामले में दोनों को बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष उनके अपराध को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा है. हाईकोर्ट ने एजेंसियों की जांच पर सवाल उठाते हुए 12 मामलों में कोली और दो मामलों में पंढेर को दी गई मौत की सजा को पलट दिया था.
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