नई दिल्ली: स्वघोषित आध्यात्मिक गुरु नित्यानंद के खिलाफ रेप के मामले ने एक और विचित्र मोड़ ले लिया है. कर्नाटक पुलिस ने अदालत को बताया है कि वह नित्यानंद को नोटिस भेजने में असमर्थ है. कर्नाटक पुलिस ने सोमवार को हाई कोर्ट को बताया कि वे उसे नोटिस देने में विफल रहे क्योंकि वह आध्यात्मिक दौरे पर है.


बलात्कार का आरोपी नित्यानंद नवंबर 2018 से फरार है और उसके बेलीज या इक्वाडोर में छिपे होने की अफवाह है. विदेश मंत्रालय ने दो महीने पहले उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया था और इंटरपोल ने स्वयंभू धर्मगुरु के खिलाफ ब्लू-कॉर्नर नोटिस जारी किया था. हालांकि, कर्नाटक पुलिस को लगता है कि वह आध्यात्मिक दौरे पर है.


हाई कोर्ट ने अपने 31 जनवरी के आदेश में, पुलिस से एक याचिका में नित्यानंद पर एक नोटिस जारी करने के लिए कहा था, जो 2010 में उसके खिलाफ दर्ज एक रेप के मामले में उसकी जमानत रद्द करने की मांग की थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस अधीक्षक बलराज बी ने सोमवार को अदालत को बताया कि वे सीधे उसे नोटिस नहीं दे सकते थे क्योंकि वह अपने बिदादी आश्रम में मौजूद नहीं है और एक आध्यात्मिक दौरे पर है. पुलिस ने उसकी सहयोगी कुमारी अर्चनंदा को नोटिस दिया.


कुमारी अर्चनंदा ने अदालत में कहा कि जब उसने पुलिस को बताया कि नित्यानंद नहीं है, तो उसे नोटिस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस बीच, अभियोजक ने अदालत को बताया कि कार्यवाही के लिए अदालत में नित्यानंद की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं थी. नित्यानंद पर धारा 376 (बलात्कार), 420 (धोखाधड़ी), 114 (आपराधिक अभियोग), 201 (साक्ष्य मिटाना, झूठी सूचना देना), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मुकदमे चल रहे हैं. चूंकि 2010 में शिकायत दर्ज की गई थी, इसके बाद नित्यानंद को दो बार गिरफ्तार किया गया और हाई कोर्ट से जमानत दी गई, जिससे मुकदमे की शुरुआत में देरी हुई.


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