नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे. पीएम मोदी आज ही बिश्केक से लौटे हैं. नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी. ममता बनर्जी मोदी सरकार से बेहद नाराज रही हैं. उन्होंने इस बैठक में नहीं आने की वजह बताते हुए कहा है कि नीति आयोग के पास राज्यों की योजनाओं के समर्थन के लिए वित्तीय अधिकार नहीं हैं, ऐसे में इस तरह की बैठक की कवायद बेकार है.


नीति आयोग की बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) भी नहीं आएंगे. राव के बैठक में नहीं आने को लेकर कहा गया है कि वह तेलंगाना में एक सिंचाई परियोजना के उद्घाटन की तैयारियों में व्यस्त रहेंगे.





कांग्रेस की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक से एक दिन पहले शुक्रवार को कांग्रेस शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज पर मुलाकात की. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से दिए गए इस रात्रिभोज में उनके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी शामिल हुए. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भी इसमें शामिल होना था, लेकिन किन्हीं कारणों से वह नहीं पहुंच सके.


इस रात्रिभोज में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए. कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया, ‘‘कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में किसानों से जुड़े मुद्दे खासकर कर्जमाफी के असर से जुड़ा विषय उठा सकते हैं.’’


नीति आयोग की बैठक में क्या है एजेंडा?
नीति आयोग की बैठक में सूखे की स्थिति, कृषि क्षेत्र के संकट, वर्षा जल संचयन और खरीफ फसल के लिए तैयारियों के मुद्दे पर विचार विमर्श होगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार बैठक के पांच सूत्री एजेंडा में आकांक्षी जिला कार्यक्रम, कृषि में बदलाव और सुरक्षा संबंधी मुद्दे भी शामिल हैं. बैठक में विशेषरूप से नक्सल प्रभावित जिलों पर विचार विमर्श होगा.


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राष्ट्रपति भवन में होने वाली इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भाग लेंगे. नई नरेंद्र मोदी सरकार में यह संचालन परिषद की पहली बैठक है.


प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली संचालन परिषद के सदस्यों में वित्त, गृह, रक्षा, कृषि, वाणिज्य और ग्रामीण विकास मंत्रियों के अलावा राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं.


संचालन परिषद की बैठक में पिछली बैठकों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की जाती है और साथ ही भविष्य की विकास से संबंधित प्राथमिकताएं तय की जाती हैं. अभी तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में संचालन परिषद की चार बैठकें हो चुकी हैं.


संचालन परिषद की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के लिए प्रमुख कामकाज तय किए थे. इनमें सहकारिता के संघवाद को बढ़ावा देना और राज्यों की सक्रिय भागीदारी के जरिये राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना प्रमुख रूप से शामिल है. संचालन परिषद की दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015 को हुई थी जिसमें मुख्यमंत्रियों के तीन उप समूहों और दो कार्यबलों की प्रगति की समीक्षा की गई.


इसी तरह संचालन परिषद की तीसरी बैठक 23 अप्रैल, 2017 को हुई जिसमें मोदी ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ साथ कराने तथा वित्त वर्ष को जनवरी-दिसंबर करने पर बल दिया था. संचालन परिषद की चौथी बैठक 17 जून, 2018 को हुई थी जिसमें किसानों की आमदनी दोगुना करने और सरकार की प्रमुख योजनाओं में हुई प्रगति के उपायों पर विचार विमर्श किया गया.