Chief Ministers Boycotted Niti Aayog: केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने नीति आयोग संचालन परिषद की बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्रियों की तीखी आलोचना की है. बीजेपी ने सभी मुख्यमंत्रियों के फैसले को 'जन-विरोधी' और 'गैर जिम्मेदाराना' बताया.
नीति आयोग की बैठक दिल्ली में शनिवार (27 मई) को शुरू हुई. इसमें देश को 2047 तक विकसित देश बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचा विकास समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नीति आयोग देश के विकास के लिए लक्ष्य तय करने, नीतिगत रूपरेखा और रोडमैप तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है.
बैठक में 100 मुद्दों पर चर्चा
प्रसाद ने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद की आठवीं बैठक में 100 मुद्दों पर चर्चा करने का प्रस्ताव है लेकिन आठ राज्यों के मुख्यमंत्री इसमें भाग लेने के लिए नहीं आए. उन्होंने ने कहा कि अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), भगवंत मान (पंजाब), ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल), नीतीश कुमार (बिहार), एमके स्टालिन (तमिलनाडु), के चंद्रशेखर राव (तेलंगाना) बैठक में भाग नहीं लेने वाले मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं.
सच क्या है ये गहलोत ही बता सकते हैं- बीजेपी
उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शायद स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ रहे हैं. सच क्या है वह (गहलोत) ही बता सकते हैं लेकिन उनकी ओर से (बैठक में) कोई प्रतिनिधित्व नहीं है."
नीति आयोग एक बहुत महत्वपूर्ण मंच
बीजेपी नेता ने कहा कि केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच व्यापक सलाहकारी प्रक्रियाओं के लिए नीति आयोग एक बहुत महत्वपूर्ण मंच है और इसकी संचालन परिषद की बैठक में अहम फैसले लिए जाते हैं, जिनका जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन किया जाता है.
प्रधानमंत्री इस बैठक की अध्यक्षता करते हैं
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि प्रधानमंत्री इस बैठक की अध्यक्षता करते हैं और केंद्र के वरिष्ठ मंत्री भी इसमें शरीक होते हैं, ताकि जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन के लिए मुख्यमंत्रियों के सुझाव के साथ बड़े मुद्दों पर निर्णय लिए जाएं. रविशंकर प्रसाद ने कहा, "वे (आठ राज्यों के मुख्यमंत्री) बैठक में भाग लेने क्यों नहीं आ रहे हैं, जिसमें 100 मुद्दों पर चर्चा की जानी है. अगर इतनी बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री भाग नहीं लेते हैं तो वे अपने राज्यों की आवाज नहीं उठा रहे हैं."
क्या लोगों को फायदा नहीं मिलना चाहिए?
बीजेपी नेता ने कहा कि यह "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, गैरजिम्मेदाराना और जन विरोधी है." उन्होंने कहा कि बैठक में अपने मुख्यमंत्रियों के उपस्थित नहीं होने से इन राज्यों के लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. उन्होंने सवाल किया कि क्या लोगों को फायदा नहीं मिलना चाहिए? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आप किस हद तक विरोध करेंगे?
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "आपको मोदी का विरोध करने के लिए और अवसर मिलेंगे, लेकिन आप अपने राज्य के लोगों को नुकसान क्यों पहुंचा रहे हैं." उन्होंने कहा कि आठ मुख्यमंत्रियों के बैठक का बहिष्कार करने का फैसला जनहित और उनके राज्यों के लोगों के हित के खिलाफ है.