Mamata Banerjee On NITI Aayog Meeting: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर दावा किया है कि नीति आयोग की बैठक के दौरान उन्हें बोलने नहीं दिया गया और माइक बंद कर दिया. इससे पहले उन्होंने दिल्ली में भी इसी तरह का दावा किया था. अब कोलकाता पहुंची टीएमसी चीफ ने शनिवार (27 जुलाई) को कहा कि ये पश्चिम बंगाल का अपमान है.
कोलकाता एयरपोर्ट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, "मैं बोल रही थी, मेरा माइक बंद कर दिया गया. मैंने कहा कि आपने मुझे क्यों रोका, आप भेदभाव क्यों कर रहे हैं. मैं बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और सरकार को अधिक मौका दे रहे हैं. विपक्ष से केवल मैं ही वहां हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं. यह न केवल बंगाल का बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का अपमान है."
‘अपने मुख्यमंत्रियों को दिया ज्यादा मौका’
उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा, “मुझसे पहले चंद्रबाबू नायडू ने मीटिंग में 20 मिनट तक बोला. कई राज्यों के सीएम ने 15 मिनट, कुछ ने 17 मिनट, कुछ ने 20 मिनट तक भाषण दिया. जब मेरी बारी आई तो मुझे पांच मिनट बाद ही रोक दिया गया. फिर मैंने कहा कि आप सुनना नहीं चाहते तो मैं चली जाऊंगी. क्या आप बता सकते हैं कि पांच मिनट के भाषण के बाद बार-बार घंटी बजाने का क्या उद्देश्य था? ऐसा पक्षपातपूर्ण व्यवहार क्यों? जब दूसरे सीएम बोल रहे थे तो ऐसा नहीं था.”
राज्यों के फंड को लेकर क्या बोली ममता बनर्जी?
इसके अलावा उन्होंने कोलकाता पहुंचकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राज्यों के फंड के मुद्दे का जिक्र किया, जो उन्होंने नीति आयोग में उठाया. उन्होंने कहा, “अगर वे कुछ राज्यों को ज्यादा फंड आवंटित करते हैं तो मुझे कोई समस्या नहीं है. मैंने उनसे कहा कि केंद्र सिर्फ निर्देश देता है और जमीन पर काम करना राज्यों का काम है. आपने सिर्फ कोविड-19 संकट के दौरान निर्देश दिए थे और राज्यों ने ही सब कुछ संभाला. मैंने उनसे कहा कि उन्होंने हमारे फंड के 1.72 लाख करोड़ रुपये रोक रखे हैं और इस साल यह राशि और बढ़ेगी."
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