नई दिल्ली: स्वदेशी वैक्सीन के विकास की कोशिश के साथ-साथ भारत की नज़र दुनिया भर में चल रहे ऐसे अन्य प्रयासों पर है. इनमें ऑक्सफोर्ड और चीन में वुहान वैक्सीन को लेकर चल रहे परीक्षण के काफ़ी उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं. वैक्सीन को आने में अभी और कितना समय लगेगा इसका अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है लेकिन भारत सरकार ने इनके सफ़ल होते ही लोगों तक पहुंचाने की प्राथमिक तैयारी शुरू कर दी है.
सरकार की कोशिश परीक्षण सफल होते ही उत्पादन और टीकाकरण का काम बड़े पैमाने पर शुरू हो
नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने मंगलवार को बताया कि सरकार की ये कोशिश होगी कि वैक्सीन का परीक्षण सफल होते ही इसके उत्पादन और टीकाकरण का काम बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया जाए. डॉ पॉल के मुताबिक़ भारत की आबादी के हिसाब से ये बहुत व्यापक काम होगा क्योंकि ये टीका देश के एक-एक व्यक्ति को देना होगा. साधारणतया कोई भी वैक्सीन बच्चों को एक ख़ास उम्र तक ही दिया जाता है.
उत्पादन को लेकर ऑक्सफोर्ड और सीरम इंस्टीट्यूट ने आपस में किया समझौता
डॉ पॉल ने बताया कि ऑक्सफोर्ड में चल रहे वैक्सीन परीक्षण में भारत की वैक्सीन बनाने वाली पुरानी कम्पनी सीरम इंस्टिट्यूट भी साझीदार है. परीक्षण सफल होने के बाद उसके उत्पादन को लेकर ऑक्सफोर्ड और सीरम इंस्टीट्यूट ने आपस में समझौता किया हुआ है. वी के पॉल के मुताबिक़ सीरम कम्पनी वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन की क्षमता रखती है. उन्होंने बताया कि जैसे ही वैक्सीन का उत्पादन शुरू होकर उपलब्ध होने लगेगा उसे ज़रूरतमंद सभी लोगों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. डॉ पॉल ने बताया कि अभी कहना मुश्किल है कि वैक्सीन की ज़रूरत किन-किन लोगों को और कितनी मात्रा में पड़ेगी.
चुनाव की तरह टीकाकरण में भी एक-एक व्यक्ति तक पहुंचेगी सरकार
डॉ पॉल ने कोरोना वैक्सीन लोगों तक पहुंचाने के काम की तुलना देश में होने वाले चुनावों से की. उन्होंने कहा कि चुनाव में सरकार एक-एक व्यक्ति तक पहुंचती है उसी तरह टीकाकरण में भी पहुंचेगी. पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन के तैयार होने के बाद उसे सभी लोगों तक पहुंचाने की तैयारी के सिलसिले में एक बैठक भी की थी.
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