देशभर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में बेड को लेकर मारामारी देखने को मिली थी. वहीं अब नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार कहा जा रहा है कि देशभर में जिला अस्पतालों की हालत इतनी दयनीय है कि प्रति एक लाख की आबादी पर औसतन 24 बिस्तर ही उपलब्ध हैं. रिपोर्ट के अनुसार इस लिस्ट में सबसे आगे पुडुचेरी और सबसे अंतिम में बिहार को जगह मिली है.


नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पुडुचेरी के जिला अस्पतालों में एक लाख की आबादी पर सबसे ज्यादा औसतन 222 बिस्तर उपलब्ध हैं, वहीं बिहार में यह मात्र छह बिस्तरों के औसत पर सिमट गया है. नीति आयोग ने अपनी 'जिला अस्पतालों के कामकाज में बेहतर गतिविधियों' की रिपोर्ट में कहा है कि कुछ खास सेवाओं पर देश के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिला अस्पतालों का प्रदर्शन काफी बेहतर देखा गया है. 


एक लाख की आबादी पर औसतन 24 बिस्तर


नीति आयोग ने इन खास संवाओं में अस्पतालों बिस्तरों की उपलब्धता, जांच सुविधा, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही मेडिकल स्टाफ, चिकित्सा के लिए डॉक्टरों की उपलब्धता को आधार बनाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मुख्य संकेतकों के आधार पर देशभर में प्रति एक लाख की आबादी पर जिला अस्पतालों में औसतन 24 बिस्तर ही उपलब्ध हैं.


बता दें कि नीति आयोग की इस रिपोर्ट में आंकलन के लिए देशभर के कुल 707 जिला अस्पतालों को शामिल किया गया. वहीं इसके लिए साल 2017-18 के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के आंकड़ों को आधार बनाया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सबसे ज्यादा बिस्तरों की उपलब्धता पुडुचेरी में देखी गई, जहां प्रति एक लाख की आबादी पर 222 बिस्तर उपलब्ध थे. वहीं औसतन 6 बिस्तर की उपलब्धता के साथ बिहार सबसे पीछे रहा.


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