(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नीति आयोग की बैठक में बोले पीएम मोदी, 2024 तक 5 खरब डॉलर की इकोनॉमी बनने का लक्ष्य
नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र को पूरा करने में नीति आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है.
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक हुई है. पीएम मोदी आज ही बिश्केक से लौटे हैं. नीति आयोग संचालन परिषद की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ शुरू हुई. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए.
इस बैठक में अपने शुरुआती संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2024 तक देश को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है. भारत को 2024 तक 5 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है पर राज्यों के संयुक्त कोशिशों से इसे हासिल किया जा सकता है. पीएम ने कहा कि राज्य सरकारें निर्यात संवर्द्धन पर ध्यान दें, लोगों की आय और रोजगार के अवसर बढ़ाने में निर्यात क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है और इसको जल्द सुलझा लिए जाने की उम्मीद है.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi chairs the 5th meeting of the Governing Council of NITI Aayog. pic.twitter.com/99JGEEZwiX
— ANI (@ANI) June 15, 2019
प्रधानमंत्री ने कहा कि नवगठित जल शक्ति मंत्रालय जल प्रबंध के विषय में एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाने में मदद करेगा. राज्यों को भी जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में अपने विभिन्न प्रयासों को समन्वित करना चाहिए. हम कार्य-प्रदर्शन, पारदर्शिता और प्रतिपादन की विशेषता वाली शासन व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र को पूरा करने में नीति आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है.
राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पांचवीं बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास वाले मंत्र को आगे बढ़ाया. नीति आयोग की बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर, केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए. बैठक में पीएम ने सभी राज्यों को निर्यात को बढ़ावा देने को कहा. साथ ही बताया कि जल शक्ति मंत्रालय के जरिए राज्यों को जल संचय करने में मदद की जाएगी.
नीति आयोग की बैठक में बैठक में गरीबी, बेरोजगारी, सूखा, बाढ़, जनसंख्या, भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी समस्याओं से निपटने पर चर्चा हुई. पीएम ने केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत अभियान और पीएम आवास योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सरकारों से सहयोगी की अपील की
राष्ट्रपति भवन में होने वाली इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया है. नई नरेंद्र मोदी सरकार में यह संचालन परिषद की पहली बैठक है. प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली संचालन परिषद के सदस्यों में वित्त, गृह, रक्षा, कृषि, वाणिज्य और ग्रामीण विकास मंत्रियों के अलावा राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं.
बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी भाग लिया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. ममता का कहना है कि नीति आयोग के पास राज्यों की योजनाओं के समर्थन के लिए वित्तीय अधिकार नहीं हैं, ऐसे में इस तरह की बैठक की कवायद बेकार है.अब तक पूरी हुई चार बैठक संचालन परिषद की बैठक में पिछली बैठकों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की जाती है और साथ ही भविष्य की विकास से संबंधित प्राथमिकताएं तय की जाती हैं. अभी तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में संचालन परिषद की चार बैठकें हो चुकी हैं.
संचालन परिषद की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के लिए प्रमुख कामकाज तय किए थे. इनमें सहकारिता के संघवाद को बढ़ावा देना और राज्यों की सक्रिय भागीदारी के जरिये राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना प्रमुख रूप से शामिल है. संचालन परिषद की दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015 को हुई थी जिसमें मुख्यमंत्रियों के तीन उप समूहों और दो कार्यबलों की प्रगति की समीक्षा की गई.
इसी तरह संचालन परिषद की तीसरी बैठक 23 अप्रैल, 2017 को हुई जिसमें मोदी ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ साथ कराने तथा वित्त वर्ष को जनवरी-दिसंबर करने पर बल दिया था. संचालन परिषद की चौथी बैठक 17 जून, 2018 को हुई थी जिसमें किसानों की आमदनी दोगुना करने और सरकार की प्रमुख योजनाओं में हुई प्रगति के उपायों पर विचार विमर्श किया गया.