नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने शुक्रवार 22 मई को कहा कि सरकार ने कभी नहीं कहा कि किसी निश्चित तारीख तक कोरोना वायरस के मामले शून्य हो जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने इस संबंध में हुयी किसी भी गलतफहमी के लिए माफी मांगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए पॉल ने कहा कि पूर्व में उनके द्वारा पेश किया गया ग्राफ गणितीय आंकड़ों पर आधारित था और "ग्राफ में कहीं भी शून्य शब्द का जिक्र नहीं था.’’
मीडिया से बात करते हुए पॉल ने कहा, "यहां तक कि मैंने भी कभी नहीं कहा कि उस विशेष तारीख तक मामले शून्य हो जाएंगे." उन्होंने कहा, "हमने आपको तथ्यात्मक जानकारी दी और कोई दावा नहीं किया गया. मैं गलतफहमी के लिए माफी मांगता हूं और जैसा समझा गया वैसा अर्थ नहीं था.’’
पॉल ने अप्रैल में स्वास्थ्य मंत्रालय की ब्रीफिंग में एक प्रेजेंटेशन दी थी जिसमें उन्होंने बताया था कि किस प्रकार लॉकडाउन से वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिली. एक स्लाइड में दिखाया गया था कि 16 मई तक मामले शून्य हो सकते हैं. पॉल ने शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन एक विशेष प्रयास है लेकिन यह असीमित समय तक नहीं चल सकता.
उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति लौटनी चाहिए और लोगों की आजीविका का भी सवाल है. लॉकडाउन हमेशा के लिए नहीं किया जा सकता। यह एक उद्देश्य के लिए था और इसने बहुत हद तक उस उद्देश्य को प्राप्त किया.
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