Coronavirus: अगले तीन महीने चुनौतीपूर्ण, त्योहारों और सर्दियों के चलते बढ़ सकता है खतरा-नीति आयोग
नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ पॉल के मुताबिक आने वाले समय मे कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है क्योंकि कई त्यौहार आ रहे हैं. ऐसे में लोग बाहर निकलेंगे और संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा.
नई दिल्लीः कोरोना को लेकर आने वाले अगले तीन महीने चुनौतीपूर्ण होंगे. नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डॉ वी के पॉल के मुताबिक आगे आनेवाले दो तीन महीने चुनौतीपूर्ण हैं क्योंकि आगे त्योहारों का सीजन है और उस समय संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. वहीं सर्दियों में भी वायरस बढ़ सकता है.
भारत में मंगलवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 55 लाख पार हो चुकी है. पिछले कुछ दिनों से औसत नब्बे हजार मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि ठीक होनेवालों की संख्या काफी बड़ी है लेकिन इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवर को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग पर एक बार फिर जोर दिया. नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ पॉल के मुताबिक आने वाले समय मे कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है क्योंकि कई त्यौहार आ रहे हैं. ऐसे में लोग बाहर निकलेंगे और संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा, इसके अलावा मौसम भी बदलने वाला है.
नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा कि ऐसे समय में मास्क, सोशल डिस्टेंस और सफाई बहुत जरूरी है. लेकिन ऐसे नहीं होने से केस बढ़ सकते हैं. फिलहाल भारत में संक्रमण से 80 फीसदी से ज्यादा संक्रमित मरीज ठीक हो चुके है. इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार बार इस बात पर नीति आयोग के सदस्य और स्वास्थ्य सचिव ने जोर दिया.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के सात राज्यों में सबसे ज्यादा कोरोना में मामले सामने आ रहे हैं. ये राज्य हैं महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और दिल्ली. इन राज्यों में लगातार केस सामने आ रहे हैं. वहीं राजधानी दिल्ली में जहां केस कम हो गए थे और रिकवरी रेट 90 फीसदी तक पहुंच गया था अब वहां भी केस बढ़ने लगे हैं. ऐसे में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. वहीं पंजाब में भी तेज़ी से काफी मामले सामने आए हैं.
वहीं इस बीच देश के वो सात राज्य जहां केस बढ़ रहे हैं उनकी सरकारों के साथ बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक करेंगे. इस बैठक में इन राज्यों के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव शामिल होंगे. राज्यों में बढ़ते केस, क्लीनिकल मैनेजमेंट, तैयारियों पर भी चर्चा होगी.
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