Nitin Gadkari Tells Solution of Bridge Accidents: गुजरात (Gujarat) के मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Collapse) से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि वह एक ऐसा सिस्टम लगाएंगे कि कमजोर हो रहे ब्रिज के बारे में पहले से पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि पुल कहीं भी खराब हो, उसके बारे में दिल्ली (Delhi) में कम्प्यूटर में पता चल जाएगा. 


सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 30 अक्टूबर को मोरबी में हुए केबल पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी. चुनावी राज्य में इस दर्दनाक हादसे के बाद राज्य और केंद्र की बीजेपी नीत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. विपक्ष मोरबी पुल हादसे को लेकर सरकार से सवाल पूछ रहा है. हादसे को लेकर विपक्ष की ओर की जा रही आलोचना और मांगे जा रहे समाधान को लेकर एक सामाचार टीवी चैनल ने जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि कई पुलों का रिकॉर्ड तैयार किया है.


क्या कहा नितिन गडकरी ने?


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ''मैं ऑस्ट्रेलिया गया था, दुनिया की टेक्नोलॉजी पर अध्ययन किया, नासिक में हमारे कुछ लोगों ने ऐसा एक रिसर्च किया है कि हम पुल को ऐसा एक सिस्टम लगा देंगे कि दिल्ली में बैठकर हमारे कम्प्यूटर पर हमको पता चलेगा कि कौन सा पुल गिरने वाला है, कौन सा कमजोर हुआ है. मैंने 80 हजार पुलों का एक रिकॉर्ड तैयार किया है और मैं अभी तीन-चार लाख पुलों का रिकॉर्ड तैयार करूंगा और कॉरपोरेशन, नगर परिषद और स्टेट, सबके ब्रिज का रिकॉर्ड एक जगह होगा और जहां ऐसा धोखा है, वहां रेड अलार्म बजेगा, तुरंत मैं कॉरपोरेशन को, राज्य सरकार को और एनएचएआई को बता दूंगा कि ये ब्रिज खराब है. इस पूरे सिस्टम को हम तैयार कर रहे हैं.''


'फिर कभी हादसा नहीं होगा'


केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा, ''मैं कोशिश करूंगा कि ये जो गुजरात की घटना है, इसके आधार पर प्रधानमंत्री जी से प्रार्थना करूंगा कि अगर इस प्रकार की टेक्नोलॉजी का सॉल्यूशन देश को मिल जाएगा तो आगे कोई एक्सीडेंट नहीं होगा.''


इस पुल हादसे का भी किया जिक्र


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हादसे में हुई मौते पर संवेदना जताते हुए आगे कहा, ''बीच में हमारे मुंबई-गोवा रोड पर ब्रिज बह गया, उसके कारण भी काफी मौतें हुईं, हमने उसको तुरंत बनाया, छह महीने में ब्रिज बना दिया, मुझे लगता है कि ये हादसा फिर से न हो, इसके लिए टेक्नोलॉजी का सॉल्यूशन लाकर काम करने की कोशिश करेंगे. 15-20 दिन में इसका पूरा प्रोफाइल तैयार करके हम इस बारे में क्रियान्व्यन करने की स्थिति में हैं और जल्द ही इस बारे में डिटेल साझा करेंगे.''


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