वैक्सीन प्रॉडक्शन को लेकर अपने बयान पर नितिन गडकरी ने दी सफाई, ट्वीट कर कही यह बात
स्वदेशी जागरण मंच के एक कार्यक्रम में मंगलवार को नितिन गडकरी ने कहा था कि देश मे टीकाकरण में तेज़ी लाने और वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वैक्सीन बनाने का लाइसेंस अन्य कंपनियों को भी मिलने चाहिए, ताकि प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सके.
नई दिल्ली: देश मे कोरोना वैक्सीन के उत्पादन को बढाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि वैक्सीन बनाने के लिए अन्य कंपनियों को भी लाइसेंस मिलने चाहिए, ताकि प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सके. हालांकि बुधवार को उन्होंने इस मामले पर ट्वीट कर कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि सरकार पहले ही इस दिशा में काम कर रही है और उसी कार्यक्रम में फार्मा मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसकी जानकारी दी है.
दरअसल मंगलवार को स्वदेशी जागरण मंच के एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था कि देश मे टीकाकरण में तेज़ी लाने, वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वैक्सीन बनाने के लिए अन्य कंपनियों को भी लाइसेंस मिलने चाहिए, ताकि प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सके. ये सेवा के तौर पर नहीं, बल्कि रॉयल्टी चुकाने के साथ किया जाए. मंगलवार को दिए बयान के बाद आज नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें जानकरी नही थी ऐसा पहले ही किया जा चुका है और सरकार इसके लिए पहले से तैयारी कर ली है.
नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा, "कल स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित सम्मेलन में भाग लेते हुए मैंने वैक्सीन उत्पादन में तेजी लाने का सुझाव दिया था. मैं इस बात से अनजान था कि मेरे भाषण से पहले रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने सरकार के प्रयासों को गति देने के बारे में बताया था. सम्मेलन के बाद, उन्होंने मुझे यह भी बताया कि, भारत सरकार ने पहले से ही 12 विभिन्न संयंत्रों/ कंपनियों द्वारा वैक्सीन निर्माण की सुविधा प्रदान कर रही है और इन प्रयासों के परिणामस्वरूप निकट भविष्य में उत्पादन में तेजी से वृद्धि की उम्मीद है. मैं इस बात से अनजान था कि कल मेरे द्वारा सुझाव देने से पहले उनके मंत्रालय ने ये प्रयास शुरू कर दिए थे. मैं खुश हूं और सही दिशा में इस समय पर हस्तक्षेप के लिए उन्हें और उनकी टीम को बधाई देता हूं. मैं इसे महत्वपूर्ण समझता हूं और रिकॉर्ड पर डालना चाहता हूं."
इसे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ऐसी राय दी थी कि देश में टीकाकरण में तेजी लाने के लिए वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है और ऐसा करने के लिए भारत में बन रही वैक्सीन को कुछ और कंपनी में बनाने देना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध हो. उन्होंने इस पर बाकायदा सरकार को चिट्ठी लिखी थी. वहीं केंद्र सरकार पहले ही इस बारे में साफ कर चुकी है की इस दिशा में काम किया जा चुका है.
नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा, “ये कहा जाता है कि कोवैक्सीन को दूसरी कंपनी को दे दीजिए वो बनाएं, इसके बारे में मुझे बताते हुए बहुत खुशी होती है की जब बात होती है तो कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने भी इसका स्वागत किया. उन्होंने उसको रीच आउट किया और उसी पहल के तहत पब्लिक सेक्टर यूनिट को जोड़ा गया. ये जो वैक्सीन बनाई ICMR ने ये लाइव वायरस को इनएक्टिवेट किया जाता है जिंदा वायरस को इनएक्टिवेट किया जाता है, ये काम जो है BSL3 लैबोरेटरी में होता है, ये लैब बाकी किसी कंपनी में लगभग नहीं है, ये सबके पास नही है.”
दरअसल ये वैक्सीन लाइव वायरस को इनएक्टिव कर बनाया जाता है जिसके लिए BSL3 लैब जरूरी है. वहीं वैक्सीन उत्पादन में भारत सरकार की PSU भी शामिल की कई है. सरकार ने साफ किया कि अगर कोई कंपनी अभी मिलकर बनाना चाहती है तो सरकार हर संभव मदद करेगी .
डॉ वी के पॉल ने कहा कि और जो कंपनी इसको बनाकर जुड़ना चाहती है उसको हम ओपन इनविटेशन देते हैं. अभी भी विनती है जो कंपनी ये बनाना चाहती है मिलकर बनाइए सरकार पूरा योगदान करेगी.
13 मई को कोरोना पर हुए स्वास्थ्य मंत्रालय की ब्रीफिंग में सरकार ने वैक्सीन का पूरा रोड मैप बता दिया था. भारत मे कितनी कोरोना की वैक्सीन केंद्र ने राज्यों को दी है, कितनी राज्य और प्राइवेट अस्पतालों ने खरीदी है और आनेवाले दिनो में भारत के पास कितनी वैक्सीन होंगीं, आपको बताते है.
वैक्सीन डोज जो अब तक भारत सरकार ने राज्यों को मुफ्त दिए है:-
- अब तक चल रहे टीकाकरण अभियान के लिए 35.6 करोड़ वैक्सीन डोज दी गई है.
- पीएम केयर फण्ड से 6.6 करोड़ जिसमें से कोविशील्ड 5.6 करोड़ और कोवैक्सीन 1 करोड़
- GAVI COVAX फैसिलिटी से एक करोड़ वैक्सीन मिली थी जिसमे सभी कोविशील्ड की डोज थी जिसका इस्तेमाल किया जा चुका है.
- दूसरे चरण के लिए 10 करोड़ वैक्सीन प्रोक्योर की गई जिसमें से 86% राज्यों को दी जा चुकी है जबकि बाकी जल्द मिल जाएंगीं. इसमे 10 करोड़ कोविशील्ड है और 2 करोड़ कोवैक्सीन.
- तीसरे चरण के लिए 16 करोड़ वैक्सीन प्रोक्योर की गई जिसमें से 11 करोड़ कोविशील्ड और 5करोड़ कोवैक्सीन है. इनकी सप्लाई मई से जुलाई के बीच की जाएगी.
- अब तक कुल 35.6 करोड़ वैक्सीन डोज केंद्र की तरफ से दी गई है जिसमें से 27.6 करोड़ कोविशील्ड और 8 करोड़ कोवैक्सीन है.
- इसके अलावा 16 करोड़ और वैक्सीन हैं जो पाइपलाइन में हैं जिसमें केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली वैक्सीन के अलावा राज्य सरकार और प्राइवेट हॉस्पिटल को मिलने वाली वैक्सीन है.
मई के महीने में वैक्सीन की बात करें तो-
- भारत सरकार ने राज्यों को 1.65 करोड़ मुफ्त वैक्सीन दी है. वहीं अभी 2.35 करोड़ डोज दी जाएंगी.
- राज्यों द्वारा सीधे 1.23 करोड़ डोज खरीदी गई है और मिल भी चुकी है. वहीं राज्यों द्वारा सीधे खरीदे गए वैक्सीन जो पाइपलाइन में है जल्द मिलेंगी उसकी संख्या 1.27 करोड़ है.
- निजी अस्पतालों द्वारा सीधे खरीदी गई खुराक की संख्या 0.80 करोड़ है यानी मई में कुल 7.30 करोड़ खुराक डोज़ राज्यों के पास होगी.
वहीं सरकार को उम्मीद है कि अगस्त के बाद हालात बहुत बेहतर होंगे जिन वैक्सीन के ट्रायल पूरे हो चुके हैं उन्हें जल्द ड्रग क्लियरेंस मिल जाएगा. यानी 100 दिन बाद भारत में वैक्सीन का भंडार होगा भारत मे अगस्त-दिसंबर में इन कंपनी से मिलेगी 216 करोड़ वैक्सीन डोज.
- कोविशील्ड - 75 करोड़
- कोवैक्सीन - 55 करोड़
- बायोलॉजिकल E - 30 करोड़
- जाइडस कैडिला - 5 करोड़
- नोवावैक्स - 20 करोड़
- भारत बायोटेक नेजल - 10 करोड़
- जेनोवा - 6 करोड़
- स्पुतनिक - 15.6 करोड़
इन में वो वैक्सीन शामिल नहीं है जिन्हें यूएस, यूके, जापान, यूरोपियन देश या विश्व स्वास्थ्य संघटन से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, वो अलग होंगी.
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