नई दिल्ली: ऑटो सेक्टर की मंदी पर निर्मला सीतारामन की ओला-उबर थ्योरी का आज केंद्रीय ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने बचाव किया. नितिन गडकरी ने कहा कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया. इसके साथ ही निर्मला सीतारमण के ओला-उबर वाले बयान को आगे बढ़ाते हुए कहा दिया कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेहतर करने का असर भी गाड़ियों की खरीद पर पड़ा है. बता दें कि कल वित्त मंत्री ने कहा था कि लोग गाड़ी की किस्त देने के बजाए ओला-उबर जैसी टैक्सी सेवाओं को पसंद कर रहे हैं.


वित्त मंत्री के बचाओ में आए नितिन गडकरी ने कहा, ''फाइनेंस मिनिस्टर की बात को गलत तरीके से समझा गया. जब ई रिक्शा आया तो ऑटो रिक्शा के बिजनेस में कमी आई, फिर ऑटो रिक्शा से पब्लिक ट्रांसपोर्ट अगर बेहतर हुआ है तो स्वाभिक है कि ई रिक्शा में कमी आ सकती है. चीन में आज के टाइम में 60 लाख बसें हैं हमारे देश में 10-11 लाख बसें हैं. हम पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में लगातार सुधार कर रहे हैं. नई नई तकनीकि आ रही है, नए नए आविष्कार आते हैं और इसके परिणाम होते ही हैं.''


बढ़े हुए चालान पर क्या बोले ट्रांसपोर्ट मंत्री?
बढ़े हुए चालान को लेकर ट्रांस पोर्टमंत्री ने कहा, ''सरकार का मकसद जुर्माना लगाने का और उससे मुनाफा कमाने का नहीं है. क्या जुर्माना से ज्यादा जान बचाना जरूरी नहीं है?'' गुजरात के चालानों में कमी पर गडकरी ने कहा, ''अगर राज्य को लगता है कि जुर्माना कम किया जाए तो वे करें. लेकिन मूल भावना है कि लोगों की मौतें कम हो दुर्घटनाएं कम हों. अगर कोई राज्य जुर्माना कम करता है तो करे मुझे कोई आपत्ति नहीं है.''


निर्मला सीतारमण ने क्या कहा था?
निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर में आई नरमी के पीछे ओला और उबर को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि आज युवा गाड़ी खरीदने की बजाय टैक्सी सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए ऑटो सेक्टर में नरमी आई है. सीतामरण ने कहा, ''ऑटोमोबाइल और कलपुर्जे के उद्योग बीएस 6 और युवाओं की मानसिकता की वजह से प्रभावित है जो गाड़ी खरीदने की बजाय ओला और उबर का इस्तेमाल करते हैं.'' वित्तमंत्री ने कहा कि युवा गाड़ी खरीदकर मासिक किस्त देने की बजाय ओला या उबर को पसंद कर रहे हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर में घटती बिक्री और नौकरी पर मंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों को नई गाड़ियां खरीदने की इजाजत दे दी गई है.