नागपुर: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का गुस्सा काम में देरी करनेवाले अधिकारियों पर फूटा. उन्होंने कहा कि देरी का कारण बननेवाले अधिकारियों पर शिकंजा कसा जाना चाहिए. उनका ये भी कहना था कि अधिकारियों की देरी का प्रभाव सिस्टम पर पड़ता है और सिस्टम सुस्त होता है. नितिन गडकरी सड़क सुरक्षा से जुड़े एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. ढीले अधिकारियों पर बरसते हुए गडकरी ने कहा, "मुझे नतीजे देनेवाले अधिकारी पसंद हैं, ढीले अधिकारियों पर डंडा मारने का काम मुझ पर छोड़ दिया जाना चाहिए."


सुस्त अधिकारियों पर भड़के नितिन गडकरी


गडकरी ने कहा कि 'जो व्यवस्था काम नहीं करती उसे उखाड़ फेंक दो, डंडा मारने का काम मुझ पर छोड दो, कोई ढीलाई करेगा तो उसे मै ठोक किए बिना नही छोडूंगा.' नागपुर में कोरोना महामारी के दौरान बढ़ी दुर्घटनाओं की संख्या की तरफ इशारा करते हुए गडकरी ने उसे अच्छा संकेत नहीं बताया. उन्होंने कहा कि न तो ये मेरे लिए और न ही अधिकारियों के लिए. इस मुद्दे को प्राथमिकता की बुनियाद पर हल किया जाना चाहिए. गडकरी ने कहा, "हमारी प्राथमिकता दुर्घटनाओं को कैसे रोके जाने पर होनी चाहिए.


कहा- डंडा मारने का काम मुझ पर छोड़ दें


बतौर संबंधित मंत्री के मैं भी इसमें नाकाम रहा. लेकिन, अधिकारी विशेषकर नागपुर के इंजीनियर और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को तत्काल विश्लेषण करना चाहिए कि क्यों कोई दुर्घटना हुई. लेकिन इस सिलसिले में उनमें संवेदनशीलता और पहल का अभाव है. उन्हें ज्यादा संवेदनशील होना होगा और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे." उन्होंने बताया कि आम तौर से ड्राइवर को दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. गडकरी के मुताबिक, भारत में हर साल सड़क दुर्घटना में करीब डेढ़ लाख लोगों की जान जाती है और नागपुर में हर साल 250 लोग अपनी जिंदगी गंवाते हैं.


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