मोदी-शाह की दादागिरी के आगे नहीं झुकते गडकरी, 'हां जी, हां जी' भी नहीं करने वाले- ऐसा क्यों बोली शिवसेना?
Shivsena on Nitin Gadkari: शिवसेना ने यह भी कहा- ऐरे-गैरों के नाम भाजपा की पहली लिस्ट में हैं पर नितिन गडकरी को उससे बाहर कर दिया गया.
Shivsena on Nitin Gadkari: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवारों की पहली सूची में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का नाम न आने को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) ने सवाल उठाया है कि आखिरकार अब उनका क्या होगा? मंगलवार (5 मार्च, 2024) को शिवसेना के मुखपत्र "सामना" में छपे संपादकीय में यह भी कहा गया कि वह जी हुजूरी नहीं करने वाले हैं और बीजेपी में वही इकलौते नेता हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दादागिरी के आगे नहीं झुकते हैं.
शिवसेना के मुखपत्र "सामना" में मंगलवार (5 मार्च, 2024) को संपादकीय में "गडकरी का क्या होगा?" शीर्षक नाम से लेख छपा, जिसके जरिए कहा गया- बीजेपी ने 195 लोकसभा उम्मीदवारों की पहली फेहरिस्त घोषित की है. इस सूची में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम नहीं है और इस पर हैरान होने की कोई बात नहीं. नितिन गडकरी स्पष्ट वक्ता (कल ही उन्होंने कहा था कि देश के किसान और मजदूर दुखी हैं.) हैं. वह किसी के सामने ‘हां जी, हां जी’ करने वाले नहीं हैं.
लेख के मुताबिक, "माना जाता है कि पिछले 10 साल में देश में जो विकास हुआ है, उसमें सड़क निर्माण मंत्रालय का सबसे बड़ा योगदान है, जिसे गडकरी संभालते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने गडकरी की ओर से बनाई गई कई राष्ट्रीय परियोजनाओं का उद्घाटन किया लेकिन उन्होंने उस काम का श्रेय नितिन गडकरी को नहीं दिया. मंत्रिमंडल और भाजपा में नितिन गडकरी एकमात्र ऐसे नेता हैं जो मोदी-शाह की दादागिरी के सामने नहीं झुकते."
सामना में आगे कहा गया, गडकरी की प्रेरणा छत्रपति शिवाजी महाराज हैं इसलिए स्वाभिमान और गौरव की एक मजबूत रीढ़ इस मराठी नेता को हासिल है. इसे गडकरी की चुनौती कहें या डर का एहसास मोदी-शाह के व्यापार मंडल को जरूर होगा. इसी डर के चलते नितिन गडकरी का 2024 के चुनाव से हटना तय लग रहा है. पार्टी में उनके चाहने वाले इस बात से जरूर दुखी होंगे कि पहली फेहरिस्त में गडकरी का नाम नहीं है.