देश का पहला सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च, जानें इसके जरिए कैसे बढ़ेगी किसानों की आय
डीजल ट्रैक्टर में सीएनजी किट फिट करने में कुछ पार्ट इम्पोर्ट हुए. इसको बनानेवाली रॉमेट कंपनी ने पार्ट्स मंगाए थे. इसलिए अभी इस किट को लगाने की कीमत नहीं बताई गई पर सरकार को उम्मीद है जल्द ऐसी कंपनी और किट आ जाएंगी जिसे इसमे कम लागत लगेगी.
नई दिल्लीः अब सीएनजी पर चलेगा ट्रेक्टर. डीजल और पेट्रोल के विकल्प के तौर पर अब देश मे सीएनजी ट्रैक्टर आ गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च किया. ये ट्रैक्टर रॉमेट टेक्नो सलूशन और टोमसेटो एकाइल इंडिया ने संयुक्त रूप से विकसित किया है. इनके द्वारा डीजल के ट्रैक्टर को सीएनजी में परिवर्तित किया है. पहला ट्रैक्टर जो लॉन्च किया गया वो रेट्रो फिटटेड है यानी पुराने ट्रैक्टर में ये सीएनजी फिट किया गया है. ये ट्रैक्टर खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का था जो उन्होंने ने 2012 में लिया था. इस नए फिटिंग के बाद आज उन्हें इसका नया सर्टिफिकेट केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिया.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का दावा है की इसे किसान की आमदनी होगी क्योंकि इसमें ईंधन सीएनजी है. इसे हर साल एक लाख से ज्यादा किसानों के पैसे बचेंगे. इसे किसान की आमदनी भी दोगुना होने की तरफ ये एक और कदम है.
ट्रैक्टर की खासियत
- कम प्रदूषण होगा
- परीक्षण रिपोर्ट बताती है कि डीजल से चलने वाले इंजन की तुलना में रेट्रोफिटेड ट्रैक्टर ज्यादा या बराबर उत्पादन करता है.
- डीजल की तुलना में कुल एममिशन में 70% की कमी आई है.
-ये किसानों को ईंधन लागत पर 50% तक की बचत करने में मदद करेगा क्योंकि वर्तमान डीजल की कीमतें रु 77.43 प्रति लीटर हैं जबकि CNG केवल Rs.42 प्रति किलोग्राम है.
- ये एक स्वच्छ ईंधन है क्योंकि इसमें कार्बन और अन्य प्रदूषकों की सामग्री सबसे कम है.
- यह किफायती है क्योंकि इसमें शून्य लैड है और यह गैर-संक्षारक और गैर-दूषित हैं जो इंजन के जीवन को बढ़ाने में मदद करता है.
- इसके लिए कम नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है.
- डीजल / पेट्रोल चालित वाहनों की तुलना में सीएनजी वाहनों का औसत माइलेज भी बेहतर है.
- सुरक्षित है क्योंकि सीएनजी टैंक एक टाइट सील के साथ आते हैं, जो ईंधन भरने के दौरान या फैलने की स्थिति में विस्फोट की संभावना को कम करता है.
- डीजल की खपत में कमी आएगी.
- किसान की आमदनी बढ़ेगी, क्योंकि डीजल से सीएनजी सस्ती है.
इसे बनाने वाली कंपनी के मुताबिक ट्रैक्टर में बदलाव के कोई असर नही पड़ता है बल्कि ट्रैक्टर की लाइफ बढ़ जाती है. वहीं कोई काम प्रभावित नहीं होता. कंपनी का कहना है की कीमत जल्द तय हो जाएगी सीएनजी फिटिंग की और कंपनी के सेंटर पर अगले एक से दो महीने में काम शुरू हो जाएगा. कंपनी ने बताया कि पर्यावरण और काम के लिहाज से ये ट्रैक्टर में बदलाव काफी अच्छा होगा. वहीं सरकार को उम्मीद है की जल्द इलेट्रिक पर चलने वाले ट्रैक्टर भी भारत मे बनेंगे और इसका फायदा किसानों को होगा.