नई दिल्ली: कच्चे तेल के आयात को देश के सामने ‘बड़ी आर्थिक चुनौती’ बताते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि वाहन कंपनियां वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों के विनिर्माण (मैनुफैक्चरिंग) पर ध्यान लगाएं. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इसमें उनकी मदद सुनिश्चित करेगी.


गडकरी ने जैव-ईंधन की मांग को पूरा करने के लिए कृषि उपज के विविधीकरण की जरूरत पर भी बल दिया. वह यहां ‘न्यूजेन मोबिलिटी समिट-2019’ को संबोधित कर रहे थे.


उन्होंने कहा,"मैं आपको सरकार की ओर से भरोसा दिलाता हूं कि हम सब वाहन क्षेत्र के समर्थक हैं. आप सब भविष्य की नीतियों को लेकर बहुत आशंकित हैं लेकिन सरकार नए विकास (वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहन) के प्रोत्साहन और सहयोग में बहुत रुचि रखती है. आप पुराने विनिर्माण के साथ आगे बढ़ें लेकिन इसके साथ ही वैकल्पिक ईंधन को भी प्रोत्साहित करें."


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उन्होंने कहा कि सरकार कच्चे तेल के आयात, प्रदूषण और लागत प्रभावी विकल्प अपनाने की नीति को लेकर चल रही है. प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडलीय सचिव और प्रधान सलाहकार को विशेष निर्देश दिया है कि वह कोयला गैसीकरण और उससे मेथनॉल बनाने की दिशा में काम करे.


गडकरी ने कहा,"हमारी अर्थव्यवस्था की दिक्कत यह है कि हमारा आयात हमारी पूंजी लागत का 20 प्रतिशत है. यह देश के सामने एक बड़ी आर्थिक चुनौती है. यह वह समय है जब हमें किसी समाधान को खोजना होगा."


उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र उन क्षेत्रों में से है जो सरकार को अच्छा राजस्व देने के साथ ही अधिकतम मात्रा में रोजगार सृजित करता है. उन्होंने वादा किया कि वाहन क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण कर लिया जाएगा. सरकार की मंशा उनके लिए बाधाएं खड़ी करने की नहीं है.


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