जमीन अधिग्रण में देरी पर गडकरी ने नीतीश को घेरा, कहा- 2 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट अटके हैं
परियोजना शुरू करने के लिए 90 प्रतिशत जनमीन अधिग्रहण जरूरी है. अधिग्रहण के बिना टेंडर नहीं निकाला जा सकता.
नई दिल्ली: बिहार में नीतीश और बीजेपी के बीच 2019 के चुनाव को लेकर जो खींचतान चल रही है. इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऐसा बयान दिया है जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुभ सकता है. गडकरी के मुताबिक बिहार में 2 लाख करोड़ की परियोजनाएं शुरू करना चाहते हैं लेकिन बिहार में जमीन अधिग्रहण नहीं हो पा रहा है.
क्या कहा नितिन गडकरी ने ? सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'मैं बिहार सरकार पर कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं कर रहा हूं. मैं बिहार को मदद करना चाहता हूं, बिहार में दो लाख करोड़ के काम करना चाहता हूं. लेकिन अगर जमीन अधिग्रहण नहीं होगा, परमीशन नहीं मिलेगी, तो मैं काम नहीं कर पाऊंगा. इसलिए बिहार के प्रति प्रेम के कारण मैं कह रहा हूं कि बिहार सरकार इस पर ध्यान दे. अभी अच्छी बात ये हुई है कि हामरे एनएचआई के जो येरमैन थे वो बिहार के मुख्यसचिव बने हैं, उन्होंने रिव्यू रखा है जिससे समस्या जरूर हल होगी.'' हालांकि इस दौरान गडकरी पूरी तरह बिहार सरकार को लेकर बचाव की मुद्रा में दिखे.
गडकरी के बयान पर बिहार सरकार की सफाई जमीन अधिग्रहण में सुस्ती पर नीतीश कुमार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने भी बयान देने में देरी नहीं की. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार काम करने वाली सरकार है और हम सुस्ती नहीं बरतेंगे। रामनारायण मंडल ने कहा, ''ऐसी कोई बात नहीं है, गडकरी जी ने कहा कि वो बिहार का विकास करना चाहते हैं, बिहार सरकार भी विकास की तर्ज पर तेजी से आगे बढ़ रही है. हमने भूमि अधिग्रहण पहले से किया है, आगे जो भी जरूरत है उसे तेजी से काम निपटाएंगे.''
क्या है केंद्र सरकार की नीति? परियोजना शुरू करने के लिए 90 प्रतिशत जनमीन अधिग्रहण जरूरी है. अधिग्रहण के बिना टेंडर नहीं निकाला जा सकता. प्रधानमंत्री ने 54 हजार सात सौ करोड़ का पैकेज दिया है. 82 योजनाओं पर काम होना है, इनमें से 24 परियोजना ओं परएनएचआई और 58 पर बिहार सरकार का काम करना है. बता दें कि अधिग्रहण विवाद से सबसे ज्यादा असर सड़क निर्माण में होता है.