जानिए, केन्द्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने कोरोना से भी ज्यादा किसे बताया खतरनाक
एजेंसी
Updated at:
09 Feb 2021 11:24 PM (IST)
नितिन गडकरी ने कहा- मैं कहूंगा कि यह परिदृश्य कोविड-19 महामारी की तुलना में बहुत गंभीर है. हमारे लिये साल दर साल स्थिति और खराब हो रही है.
नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
पढ़ें आज की ताज़ा खबरें (Hindi News) देश के सबसे विश्वसनीय न्यूज़ चैनल ABP न्यूज़ पर - जो देश को रखे आगे.- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटना की तुलना कोविड-19 से करते हुए मंगलवार को कहा कि देश में यह इस महामारी से भी बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाओं के चलते रोजाना 415 मौतें होती हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारत को सड़क दुर्घटनाओं के चलते सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.14 प्रतिशत के बराबर नुकसान उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इसे कम करने के लिये 40 हजार किलोमीटर से अधिक राजमार्ग सुरक्षा ऑडिट के दायरे में लाये गये हैं.
भारत में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है. इनके चलते हर साल करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है, जबकि 3.5 लाख से अधिक लोग घायल होते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सत्तर फीसदी मौतें 18 से 45 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग में हैं. भारत में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिदिन 415 मौतें होती हैं. मैं कहूंगा कि यह परिदृश्य कोविड-19 महामारी की तुलना में बहुत गंभीर है. हमारे लिये साल दर साल स्थिति और खराब हो रही है. दुर्भाग्य से हम दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में अमेरिका और चीन से आगे खड़े हैं. परिवहन मंत्री होने के नाते मैं इस बात को समझता हूं और इसी कारण गंभीर हूं.’’
गडकरी ‘भारत में सड़क सुरक्षा चुनौतियों और एक कार्य योजना की तैयारियों’ पर सड़क सुरक्षा संस्था आईआरएफ के इंडिया चैप्टर द्वारा आयोजित एक वेबिनार श्रृंखला का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे. गडकरी ने कहा कि दुर्घटना के जिम्मेदार कारकों में कमी लाने के लिये निर्माण के विभिन्न चरणों के दौरान सड़क सुरक्षा ऑडिट सबसे उपयुक्त तरीका प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि 40,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्गों को सुरक्षा ऑडिट के तहत लाया गया है.
उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों और आईआईटी के साथ आईआरएफ जैसे सड़क सुरक्षा संस्थान सुरक्षा ऑडिट में सरकार की मदद कर सकते हैं. प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज को कुछ वित्तीय सहायता के साथ सुरक्षा ऑडिट के लिये 300-500 किलोमीटर दिया जा सकता है. गडकरी ने तमिलनाडु की सराहना करते हुए कहा कि जब अन्य राज्य सड़क सुरक्षा के मोर्चे पर पिछड़ रहे थे, जब तमिलनाडु में सड़क दुर्घटनाओं में 38 प्रतिशत और मौतों में 54 प्रतिशत की कमी लायी. मंत्री ने सभी राज्यों से तमिलनाडु मॉडल को लागू करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में, 78 प्रतिशत सड़क दुर्घटना में मौतें दोपहिया वाहन सवार, साइकिल सवार और पैदल चलने वालों की होती हैं। ऐसे लोगों की सुरक्षा केंद्र की प्रमुख प्राथमिकता है.’’ उन्होंने कहा कि 2025 तक सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत तक कम करने के लिये सभी हितधारकों के सहयोग की मांग की और इसे हासिल करने का भरोसा जताया.