देश में लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मोटर व्हीकल संशोधन बिल लोकसभा में पेश
संसद में सरकार के दिए जवाब के मुताबिक़ सड़क दुर्घटनाएं अनेक कारणों से होती हैं. इन दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए मोदी सरकार और कड़े प्रावधान करने जा रही है.
नई दिल्ली: देश में लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आज लोकसभा में मोटर व्हीकल संशोधन बिल पेश किया गया. बिल में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए सज़ा को कठोर बनाने के साथ-साथ सड़क के निर्माण और उसके रखरखाव में कमी के चलते होने वाली दुर्घटनाओं के लिए भी पहली बार ज़ुर्माने का प्रावधान किया गया है.
2015 में सड़क दुर्घटनाओं में 1,46,913 लोगों की मृत्यु , 2016 में 1,50,785 लोगों की मृत्यु जबकि 2017 में 1,47,926 मुसाफिर मौत के मुंह में समा गए. इन दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए मोदी सरकार और कड़े प्रावधान करने जा रही है. इसके लिए लोकसभा में आज सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोटरयान संशोधन बिल पेश किया.
बिल में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए जहां जुर्माने को बढ़ाने का प्रावधान किया गया है वहीं कुछ सजा का भी प्रस्ताव है.
* शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माने की रकम ₹2000 से बढ़ाकर ₹10000 करने का प्रावधान है.
* बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर 1000 रूपए का ज़ुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस ज़ब्त करने का प्रावधान है....फिलहाल ये ज़ुर्माना केवल 100 रूपए है.
* रैश ड्राइविंग करने पर जुर्माना ₹1000 से बढ़ाकर ₹5000 करने का प्रस्ताव.
* बिना लाइसेंस के ड्राइविंग करने पर जुर्माना ₹500 से बढ़ाकर ₹5000 किया गया.
* तेज गति से गाड़ी चलाने पर जुर्माना ₹500 से बढ़ाकर अधिकतम ₹5000 किया गया.
* सीट बेल्ट नहीं लगाने पर भी जुर्माना बढ़ाया गया....इसे ₹100 से बढ़ाकर ₹1000 करने का प्रस्ताव.
* मोबाइल फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाने पर पकड़े जाने पर जुर्माना हजार रुपए से बढ़ाकर ₹5000 करने का प्रस्ताव है.
* किसी आपातकालीन गाड़ी को रास्ता नहीं देने पर पहली बार 10000 रूपए के ज़ुर्माने का प्रावधान है.
* नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने पर पहली बार सख्त ज़ुर्माने का प्रावधान किया गया है.
* अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते पकड़ा जाता है तो उसके अभिभावक या गाड़ी के मालिक दोषी माने जाएंगे. इसके लिए 25000 रूपए के ज़ुर्माने के साथ साथ 3 साल के जेल का प्रावधान है. साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द करने का प्रावधान है.
* इसी तरह ओवरलोडिंग के लिए 20000 न्यूनतम जुर्माना के साथ-साथ 1000 रुपया प्रति टन अतिरिक्त पैसे का प्रावधान.
* वहीं सड़क हादसे में मारे गए लोगों को मिलने वाले मुआवजे में भी बढ़ोतरी की गई है. इसे बढ़ाकर अब अधिकतम 10,00,000 रुपए जबकि गंभीर रूप से घायल होने पर ₹5,00,000 कर दिया गया है. इसके अलावा लाइसेंस और उसको रद्द उसको रद्द करने के लिए भी कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं.
* अब लाइसेंस लेने या गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर अनिवार्य करने का प्रस्ताव है.
* एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब लाइसेंस की वैधता खत्म होने के बाद 1 साल तक लाइसेंस को रिन्यू यानि फिर से बनवाया जा सकेगा. अभी तक यह समय सीमा केवल 1 महीने तक थी.
* अगर सड़क के गलत डिजाइन उसके निर्माण और उसके रखरखाव की कमी के चलते किसी दुर्घटना में किसी की मौत होती है तो कांट्रेक्टर और कंसलटेंट और सिविक एजेंसी जिम्मेदार होगी. ऐसी दुर्घटनाओं के एवज में मुआवजे के दावे का निपटारा 6 महीने के भीतर करना अनिवार्य बनाया जाएगा.
* अगर गाड़ी के कल पुर्जे की क्वालिटी कम होने के चलते गाड़ी की दुर्घटना होती है तो सरकार उन सभी गाड़ियों को बाजार से वापस लेने का अधिकार रखेगी. साथ ही निर्माता कंपनी पर अधिकतम 500 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगा सकती है.
संसद में सरकार के दिए जवाब के मुताबिक़ सड़क दुर्घटनाएं अनेक कारणों से होती हैं. इनमें गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग, शराब पीकर नशे में गाड़ी चलाना, रेड लाइट को पार करना, ओवर टेकिंग और तेज गति से गाड़ी चलाना और सड़क की खराब हालत प्रमुख रूप से शामिल हैं.