Organ Transport: अंग प्रत्यारोपण के लिए ऑर्गन पहुंचने में नहीं होगी देरी, नितिन गडकरी ने की ड्रोन ट्रांसपोर्ट की शुरूआत
Organ Transport: ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन के लिए अब ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी शुरुआत की है.
Nitin Gadkari: अब अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplant) के लिए प्रत्यारोपित किए जाने वाले अंगों को हवाई अड्डे से अस्पताल तक ले जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. इसके लिए अब ड्रोन का उपयोग किया जाएगा. हवाईअड्डे से सड़क मार्ग द्वारा ऑर्गन अस्पताल तक ले जाने के वर्तमान तरीके के मुकाबले, ड्रोन से ले जाने में काफी कम समय लगेगा. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शनिवार को अस्पतालों में त्वरित अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplant) की सुविधा के लिए मानव अंगों के ड्रोन परिवहन (Drone Transport) के भारत के पहले प्रोटोटाइप ड्रोन (Prototype Drone) का अनावरण किया.
बता दें कि, अब ड्रोन का उपयोग प्रत्यारोपण के लिए तैयार किए गए अंगों वाले बॉक्स को 20 किमी की दूरी तक ले जाने के लिए किया जा सकता है और इसे जल्द से जल्द प्रत्यारोपित करने के लिए मुहैया कराया जा सकता है. अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में ये तकनीक मील का पत्थर साबित होगी.
प्रोटोटाइप ड्रोन तकनीक की हुई शुरुआत
एमजीएम हेल्थकेयर के निदेशक डॉ. प्रशांत राजगोपालन, जिन्होंने प्रोटोटाइप ड्रोन तकनीक का सह-निर्माण किया है, उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि उनके अस्पताल ने अंगों को स्थानांतरित करने के लिए शहर की एक ड्रोन कंपनी के साथ समझौता किया है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य अंगों को देश के अंतिम छोर तक पहुंचाने में क्रांति लाना है. इसका तकनीक का अनावरण करने के बाद गडकरी ने कहा, "प्रत्यारोपण के लिए अंगों की गति और उसके निर्बाध परिवहन के महत्व को समझते हुए हमें जल्द ही अंगों के परिवहन के लिए नए तकनीक की आवश्यकता होगी और ऐसा ही एक स्वागत योग्य सुझाव ड्रोन का उपयोग है."
गडकरी ने खुशी जताई और इस तकनीक की सराहना की
नई दिल्ली से प्रोटोटाइप का अनावरण करने के बाद उन्होंने कहा, "यह परिवहन की समस्या को हल करने के लिए एक बहुत ही नवीन दृष्टिकोण है और मैं अनुसंधान और विकास का हिस्सा बनने के लिए एमजीएम हेल्थकेयर की सराहना करता हूं." गडकरी ने कहा कि बेहतर भूमि और हवाई संपर्क के माध्यम से अंग परिवहन के लिए इस मुद्दे को हल किया जा सकता है और उनके मंत्रालय ने बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए पहले ही इसके लिए उपाय शुरू कर दिए हैं. भारतमाला परियोजना जैसी सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, राजमार्ग क्षेत्र के लिए एक नया कार्यक्रम, पूरे भारत में अंगों के परिवहन के लिए एक बड़ी सुविधा होगी.
केंद्रीय मंत्री ने और क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम दिल्ली से देहरादून तक एक्सप्रेसवे परियोजना शुरू करने की प्रक्रिया में हैं, जिससे यात्रा का समय कम होगा. मैं अंगों के परिवहन के बारे में बहुत सतर्क और संवेदनशील हूं और मैं इस पर आपकी हरसंभव मदद कर सकता हूं." डॉ. के आर बालकृष्णन, और उनकी टीम को गडकरी ने धन्यवाद कहा जिन्होंने भारत में 500 से अधिक हृदय और फेफड़ों के प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया है और भारत में सबसे बड़ा वयस्क और बाल चिकित्सा हृदय प्रत्यारोपण कार्यक्रम चला रहे हैं.
गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि इस मील के पत्थर तकनीक को हासिल करना भारत को वैश्विक मानचित्र पर लाता है. उन्होंने कहा, "यह उपलब्धि न केवल गर्व की भावना देती है बल्कि संतुष्टि भी देती है कि हम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक बेंचमार्क बना रहे हैं." संयोग से, रिकॉर्ड 500 से अधिक हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण अस्पताल के अनुसार, पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में एक टीम द्वारा किए गए सबसे अधिक संख्या है.
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