अहमदाबाद : गुजरात में नगर निगम चुनावों को देखते हुए बीजेपी ने राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात एक बार फिर दोहराई है. गुरुवार को अहमदाबाद नगर निगम चुनाव को लेकर प्रचार के दौरान राज्य के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि गुजरात सरकार आगामी विधानसभा सत्र में लव जिहाद की रोकथाम के लिए एक कानून लाएगी. यह हिंदू लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक है. उन्होंने कहा कि यदि हमारे धर्म और देश सुरक्षित नहीं हैं, तो अच्छी सड़कें, अस्पताल और स्कूल किस काम के?
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा आवश्यक है, जिसे भाजपा सरकार आने के बाद ही सुनिश्चित किया गया था और इसे दिन-प्रतिदिन मजबूत किया जा रहा है. अन्य धर्मों के लोग अपना नाम बदलकर हमारी बेटियों को गुमराह करते हैं और फिर उन्हें ले जाते हैं. दुर्भाग्यवश हमारी बेटियां उनके जाल में फंस जाती हैं और अपना धर्म बदलकर उनसे शादी कर लेती हैं. ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी सरकार आने वाले विधान सभा सत्र में लव जिहाद पर कानून लाने की गंभीरता से योजना बना रही है.
बाबरी मस्जिद कहीं और होती तो आपत्ति नहीं
गोटा वार्ड के चुनाव प्रचार के दौरान बाबरी मस्जिद का मुद्दा उठाते हुए पटेल ने कहा, “अगर उन्होंने मस्जिद कहीं और बनाई होती, तो हमें कोई आपत्ति नहीं होती। उन्होंने ताजमहल बनाया, हमें कोई आपत्ति नहीं है." पटेल ने कहा कि ये विधर्मी लोग यहां आते हैं और उकसाते हैं. इन लोगों को मुल्लाओं द्वारा सिखाया गया है कि यदि आप हिंदुओं को तोड़ना चाहते हैं तो आपको न केवल उनके राज्यों को छीनना चाहिए, बल्कि सोमनाथ मंदिर, राम मंदिर और कृष्ण मंदिर जैसे हिंदुओं के प्रतीकों को तोड़ना चाहिए. मोहम्मद गजनी ने सोमनाथ मंदिर को लूटा. उसका उद्देश्य हिंदू विश्वास के स्थान को नष्ट करना था. पटेल ने कहा कि पहले हिंदुओं के पास कोई शक्ति या एकता नहीं थी और इसलिए हम कुछ भी नहीं कर सकते थे.
वोट बैंक को नाराज नहीं करना चाहती थी कांग्रेस
कांग्रेस पर हमला करते हुए पटेल ने कहा कि गुजरात के लोग कांग्रेस शासन में रहना पसंद नहीं करते थे. 1995 में सत्ता में आई भाजपा सरकार की बदौलत अहमदाबाद का दुख समाप्त हो गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित थी. इस देश, हमारी संस्कृति, हमारे मंदिरों और रथयात्राओं की कीमत पर वह अपने वोट बैंक को नाराज नहीं करना चाहती थी. गाय के हत्यारे, कसाई, गुंडे, माफिया खुलेआम में घूमते थे. उन्हें पता था कि अगर उन्होंने किसी भी गुंडे के खिलाफ कार्रवाई की तो उस गुंडे के इलाके के लोग उनके लिए मतदान करना बंद कर देंगे.