नई दिल्ली: लालू यादव के बाद नीतीश कुमार के आरोपों का जवाब देने आए तेजस्वी यादव जमकर बरसे. तेजस्वी यादव ने कहा, ''मुख्यमंत्री जी और बीजेपी ने मिलकर साजिश के तहत मेरे ऊपर आरोप लगाए. पहले से षडयंत्र रचकर महागठबंधन तोड़ा.''


तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा देने पर सवाल उठाते हुए कहा, "मुख्यमंत्री जी अंतरात्मा की आवाज की बात करते हैं. नीतीश कुमार अपनी सहूलियत के हिसाब के अंतरात्मा जगाते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि अंतरात्मा है, कुर्सी आत्मा है, डर आत्मा है या मोदी आत्मा है."


पनामा और व्यापम पर अंतरात्मा क्यों नहीं जागती?
तेजस्वी यादव ने कहा, ''पनामा पेपर मामले में, छत्तीसगढ़ के सीएम के बेटे का नाम है, जीएसटी के ब्रांड एंबेस्डर अमिताभ बच्चन का नाम है, अडानी के बड़े भाई का नाम है. पनामा में दो देशों के प्रधानमंत्री की कुर्सी चली गयी. क्या मुख्यमंत्री जी पनामा पेपर में जिन लोगों का नाम उन पर कार्रवाई की मांग करेंगे? मुख्यमंत्री जी अंतरात्मा की आवाज की बात करते हैं. पनामा मामले में अंतरात्मा की आवाज कहां गयी? नीतीश कुमार किस नैतिकता की बात करते हैं?''


नए मंत्रिमंडल में 75% दागी मंत्री
तेजस्वी यादव ने कहा, ''एक सर्वे के मुताबिक नए मंत्रिमंडल में 75% दागी मंत्री हैं. मुख्यमंत्री जी से लेकर डिप्टी सीएम तक पर केस दर्ज हैं. जो केस मुझ पर हैं वही वर्तमान डिप्टी सीएम पर हैं. नीतीश जी उनके साथ इतना कंफर्टेबल कैसे हैं? नीतीश कुमार अपनी सहूलियत के हिसाब के अंतरात्मा जगाते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि अंतरात्मा है, कुर्सी आत्मा है, डरआत्मा है या मोदी आत्मा है?"


विधानसभा का LIVE ब्रॉडकास्ट क्यों काटा?
तेजस्वी यादव ने कहा, ''जिस दिन हम विधानसभा में बोल रहे थे उस दिन लाइव ब्रॉडकास्ट क्यों काट दिया? मुख्यमंत्री जी को इस बात का जवाब देना पड़ेगा. ये कहते हैं कि पब्लिक में जाकर जवाब देना चाहिए था, जब हम विधानसभा में अपनी बात रख रहे थे तब लाइव ब्रॉडकास्ट काट दिया गया.''


मंडल आंदोलन के दौर में कमंडल के साथ भाग गए
तेजस्वी यादव ने कहा, ''नीतीश कुमार कहते हैं कि लालू यादव मास नहीं कास्ट के नेता हैं. लेकिन जाति की राजनीति की शुरुआत नीतीश कुमार ने ही की. मंडल आंदोलन के दौर में जब लालू यादव आंदोलन कर रहे थे तब नीतीश कुमार मंडल को छोड़कर कमंडल के साथ भाग गए थे. लालू जी मंडल के साथ थे. दूसरी बार जह हम मोदी सरकार आने के बाद मायावती, अखिलेश जी और समाज के सभी पिछ़ड़े, शोषित और वंचितों के साथ हम लड़ाई लड़ने जा रहे थे. तब ये एक बार फिर भाग गए.''


हे राम से जय श्री राम पर पलटी मार गए
तेजस्वी यादव ने कहा, ''गोधरा हादसा हुआ उस वक्त नीतीश रेल मंत्री थे लेकिन उस घटना पर कुछ भी नहीं बोला. उस वक्त आडवाणी जी के साथ बीजेपी के मुंबई सम्मेलन में चले गए. उस वक्त मोदी जी की तारीफ करते थे. किस नैतिकता की बात करते हैं नीतीश कुमार? नीतीश कुमार बापू के हत्यारों के साथ चले गए. हेराम से जय श्री राम पर पलटी मारी.''


परिवारवाद नहीं करते तो पशुपति कुमार पारस को मंत्री क्यों बनाया?
तेजस्वी यादव ने कहा, ''अगर नीतीश कुमार को लगता है कि वो अंतिम सांस तक बिहार के सीएम रहेंगे तो आने वाले चुनाव में जनता जवाब देगी. मुख्यमंत्री जी को बताना चाहते हैं कि इतना घमंड ठीक नहीं है. लालू जी पर आरोप लगाते हैं कि पुत्र मोह हो गया. लेकिन सबसे बड़ा परिवारवाद तो नीतीश कुमार कर रहे हैं. पशुपति कुमार पारस जो राम विलास पासवान के भाई हैं वो ना तो विधायक हैं और ना ही एमएलसी हैं तो फिर इन्हें क्यों मंत्री बनाया. सुशील मोदी मांझी जी के घर डीलिंग करने जा रहे हैं कि बताइए आपके बेटे को मंत्री बनाना है या दामाद को मंत्री बनाना है."


ये सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली
तेजस्वी यादव ने कहा, ''हमें मुख्यमंत्री जी की चिंता है. बीजेपी कब धोखा दे देगी ये किसी को नहीं पता. सब जगह अपने लोग बैठाएंगे फिर नीतीश जी के साथ धोखा होगा. ये सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है. नीतीश जी गलतफहमी में है कि जनता उनके साथ है. विकास विकास कहने से विकास नहीं होता विकास करना पड़ता है. जितना काम हम डिप्टी सीएम रहते अपने अधिकार से केंद्र से काम करवा लिया. बिहार में नीतीश कुमार चार बार मुख्यमंत्री बने कोई काम नहीं हुआ इसके लिए नीतीश कुमार ही जिम्मेदार हैं.''