नई दिल्ली: बिहार में बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार मीडिया के सामने आए. नीतीश कुमार ने कहा कि लालू यादव जन नेता नहीं हैं, वो जाति के नेता हैं. मेरा विश्वास कास्ट बेस में नहीं मास बेस में हैं.
लालू यादव को जातिवादी नेता बताने के साथ नीतीश कुमार ने दावा किया कि वो अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए धर्मनिरपेक्षता का राग अलापते हैं. नीतीश कुमार ने कहा, ''सेकुलरिज्म की चादर ओढ़ कर लोग संपत्ति अर्जित करें, यही मतलब है सेकुलरिज्म का ?''
पीएम मोदी का 2019 में कोई मुकाबला नहीं
नीतीश कुमार ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपराजेय हैं, 2019 में उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता. पीएम मोदी से मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं.''
बेनामी संपत्ति पर लालू से सफाई मांगी
नीतीश कुमार ने कहा, ''हमने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा. तेजस्वी यादव से सिर्फ सफाई देने को कहा. तेजस्वी ने मुझसे कहा कि आप बताएं मैं सफाई क्यों दूं.'' हमारे ऊपर कई आरोप लगाए गए. हम चुप रहे और गठबंधन धर्म को निभाने की कोशिश करते रहे.
मुझे जहर तक कहा गया
नीतीश कुमार ने कहा, ''मेरे बारे में जो भी कहा गया उस पर लालू ने कोई ध्यान नहीं दिया. अपनी पार्टी के बयानों का वो समर्थन करते रहे. हमारी पार्टी ने आरजेडी सुप्रीमो के बारे में कोई बात नहीं की. हम हर चीज को टॉलरेट कर रहे थे. मुझे जहर तक कहा गया, मैंने वो भी बर्दास्त किया."
हस्तक्षेप के बावजूद विकास किया
नीतीश कुमार ने कहा, "प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप होता था, लेकिन इसके बाद भी हम काम करते रहे. क्योंकि हम जानते थे कि ऐसा होगा. लेकिन जब करप्शन का मामला सामने आया तो बिहार के जन-जन में ये बात आई. बिहार के बाहर भी इसकी चर्चा होती रही. इस मामले में ना पहले समझौता किया और ना अब किया जा सकता है.
मैंने सफाई मांगी, मुझ पर सवाल उटे
नीतीश ने कहा-"मेरी पार्टी की 2 जुलाई को मीटिंग हुई थी. देश का पूरा मीडिया करप्शन के मामले को लेकर मुझ पर सवाल उठा रहा था. मेरी पार्टी इस मुद्दे पर एकजुट थी. हमने कहा था कि लोग इस बात पर बिंदुवार जवाब दें. उसका उत्तर क्या दिया गया? हमने सफाई नहीं मांगी, लेकिन जनता को तो ये देनी पड़ेगी."