नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बिहार के मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाने में कुछ भी गलत नहीं है. कोर्ट ने कहा कि सीएम को सलाहकार चुनने का हक है, कोर्ट इसमें दखल नहीं देगी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि सरकार के पास नौकरशाहों की पूरी टीम होती है. मुख्यमंत्री किसी आईएएस को सलाहकार बना सकते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक चुनाव रणनीतिकार को अपना सलाहकार बना लिया है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रशांत किशोर को बिहार में कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया गया है. यह राज्य के खजाने पर बोझ बढ़ाने वाला मनमाना फैसला है इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए.
चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले में दखल देने से मना कर दिया. चीफ जस्टिस ने कहा, "मुख्यमंत्री को अगर किसी व्यक्ति में भरोसा है तो कोर्ट इसमें दखल नहीं देगी. उन्हें सलाहकार चुनने का पूरा अधिकार है."