पटना: 'देश बचाओ, बीजेपी भगाओ' महा रैली को संबोधित करते हुए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सीएम नीतीश कुमार पर जमकर बरसे. लालू ने कहा कि नीतीश का कैरेक्टकर ही पलटी मार है और अब इनपर कोई भी भरोसा नहीं कर सकता. उन्होंने लोगों से कहा कि अब वही बिहार में सत्ता में वापसी करेंगे.
अपने करीब 30 मिनट के संबोधन में लालू यादव बार-बार नीतीश कुमार पर हमलावर हुए. लालू ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में लाखों की भीड़ से कहा कि उन्हें नीतीश पर कभी भरोसा नहीं थी, लेकिन सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए महागठबंधन किया था. लालू ने अपना ग़म साझा करते हुए कहा, "हमें पहले से पता था कि ये आदमी विश्वास के लायक नहीं है."
बिहार में महा गठबंधन टूटने के सभी पहलुओं पर अपनी बात रखते हुए लालू ने कहा कि अगर नीतीश कुमार कहें कि वो बीमार हैं तो समझ लीजिए, कुछ गड़बड़ करने वाला है. लालू ने नीतीश को सृजन घोटाले के लिए भी घेरा और बिहार में बाढ़ की तबाही के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
मोदी पर हमला
मोदी सरकार के काम करने की शैली से अपनी समर्थक जनता को डराते हुए लालू ने कहा, देश खतरनाक दौर से गुज़र रहा है. संविधान के बदले दो लोगों की मर्ज़ी चल रही है. ये डरा धमकाकर अपने विरोधियों को खत्म करना चाहते हैं.
मोदी के वादे को जुमला बताते हुए लालू ने कहा, "देश में क्या हालात हैं? युवा बेहाल है रोज़गार के लिए और उसे अब 2 करोड़ रोज़गार के बदले 2022 का सपना बेच जा रहा है."
आपको बता दें कि इस रैली को लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने भी संबोधित किया है नीतीश कुमार के साथ-साथ मोदी पर हमला किया.
इस महा रैली के बहाने लालू यादव ने विपक्ष की एकजुटता दिखाने की कोशिश की, जिसमें वो विपक्ष के कई बड़े नेताओं को शामिल करने में कामयब रहे, लेकिन कांग्रेस सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मायावती और मुलायम की गैर हाजिरी ने लालू के प्लान पर पानी जरूर फेर दिया.
इस रैली में शरद यादव, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद, सीपीआई नेता डी राजा जैसे दिग्गज मौजूद रहे.
तेजस्वी का एलान- डरने वाले नहीं
तेजस्वी यादव भी जमकर नीतीश कुमार पर बरसे. उन्होंने कहा, ”मैं नीतीश कुमार को कल भी चाचा कहता था और आज भी कहता हूं लेकिन अब वे अच्छे चाचा नहीं रहे. नीतीश आप लोगों की बदौलत मुख्यमंत्री बने लेकिन बीजेपी से हाथ मिला लिया. चाचाजी को कोई डर था जो महागठबंधन छोड़कर चले गए, 28 साल का होकर भी मैं नहीं डरा. जब हम भागलपुर गए थे, तो हमसे डरकर सरकार ने धारा-144 लागू कर द. नीतीश भले ही महागठबंधन छोड़कर चले गए लेकिन महागठबंधन टूटा नहीं है. असली जेडीयू शरद यादव की है. हमलोग डरने वाले नहीं हैं.”
कसम लेता हूं- धोखेबाजों और जुमलबाजों को गद्दी से हटा दूंगा
तेजस्वी ने कहा, “मैं कसम लेता हूं, जब तक बिहार और दिल्ली की गद्दी से जुमलेबाजों और धोखेबाजों को नहीं हटाऊंगा, तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा. आज मैं यहां लालू यादव के पुत्र की हैसियत से नहीं खड़ा हूं. मैं आज यहां आप सभी के धर्म की रक्षा के लिए धर्मप पुत्र की हैसियत से खड़ा हूं. मैं आप लोग आने वाले समय में अपने इस धर्म पुत्र की रक्षा कीजिएगा.”
कौन हुआ शामिल और कौन नहीं पहुंचा?
लालू यादव की रैली में विपक्ष की करीब 16 पार्टियों ने हिस्सा लिया. इन पार्टियों में आरजेडी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा, राष्ट्रीय लोक दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी प्रमुख रहीं. विपक्ष की ओर से राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मायावती के रैली में शरीक ना होने से रंग थोड़ा फीका नजर आया. हांलाकि कांग्रेस की ओर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद शामिल हुए.
शरद यादव पर जेडीयू ने क्या कहा?
शरद यादव के लालू की रैली में शामिल होने के बाद अब जेडीयू ने कार्रवाई का मन बना लिया है. जेडीयू की अनुशासन समिति आज शाम तक फैसला करेगी. जानकारी के मुताबिक पार्टी राज्यसभा चेयरमैन से शरद यादव की सदस्यता खत्म करने की मांग करेगी. पार्टी का दावा है कि लालू की रैली में जाकर शरद यादव ने स्वेच्छा से पार्टी छोड़ दी है.