पटना: जहरीली शराब से मौत के मामले में आरोपी राकेश सिंह के साथ खुद की तस्वीर वायरल होने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने सफाई दी है. नीतीश कुमार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्हें उनके बारे में जानकारी नहीं थी. राकेश सिंह को शराब का अवैध कारोबार और सेवन करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है.


इस बीच बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने जेडीयू के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर शराब का अवैध धंधा करने और इसके जरिए पार्टी के लिए फंडिंग करने का आरोप लगाया. उन्होंने नीतीश कुमार से पूछा कि ऐसा करने वाले उनके दल के कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. उन्होंने पूछा, ‘‘ मुख्यमंत्री आरा जहरीली शराबकांड के आरोपी राकेश सिंह को अपने आवास बुलाकर सम्मानित करते हैं.. क्यों.’’ तेजस्वी ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री आवास पर बिना जांच पडताल के किसी अपराधी (शराब कांड के आरोपी) को प्रवेश पाने की अनुमति इतनी आसानी से कैसे मिल गई. उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन से हटने के बाद नीतीश जी का शराबबंदी कागजों पर ही रह गया है.


तेजस्वी ने जेडीयू के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के शराब के अवैध धंधे में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होती क्योंकि उन्हें सीधे नीतीश जी का संरक्षण प्राप्त होता है.


एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने राकेश के बारे में उन्हें मालूम नहीं होने की बात करते हुए कहा कि तस्वीर के वायरल होने पर जब इस बारे में अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से उन्होंने पूछा तो उनके साथ—साथ भोजपुर के पार्टी जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा ने भी इसको लेकर अनभिज्ञता जाहिर की. क्योंकि पार्टी की सदस्यता के आधार पर राकेश अध्यक्ष निर्वाचित हुआ था. इससे पहले जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष व​शिष्ठ नारायण ​सिंह ने बताया कि शराब का अवैध कारोबार और सेवन करने के आरोप में राकेश सिंह की तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता को रद्द करते हुये उन्हें निष्कासित कर दिया गया है.


व​शिष्ठ नारायण ​सिंह ने कहा, ‘‘ शराबबंदी हमारी पार्टी का संकल्प है और इसके खिलाफ हम अभियान चला रहे हैं. ये पद से भी हटा दिए गए हैं. उनके आरोपित होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसमे कोई भी संलिप्त होगा तो उसकी पार्टी में कोई जगह नहीं है.’’