Anupam Kumar Suman Moves High Court: पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन को गुरुवार (27 अप्रैल) को जेल से रिहा कर दिया गया. उनकी रिहाई का जमकर विरोध भी हो रहा है. यहां तक कि एक पूर्व आईएएस अधिकारी ने जेल मैनुअल में किए गए संसोधन के जरिए हुई रिहाई को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी. ये पूर्व आईएएस अधिकारी अनुपम कुमार सुमन हैं.


उन्होंने ट्वीट किया, “मैंने कल माननीय उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें बिहार में हुए खतरनाक जेल मैनुअल संशोधन को चुनौती दी गई है. इससे एक सरकारी कर्मचारी की हत्या के दोषी को छूट दी गई है. मुझे उम्मीद है कि न्याय होगा और कानून का राज स्थापित होगा. सत्येमव जयते.” दरअसल, आनंद मोहन को साल 1994 में आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या का दोषी पाया गया था और वो इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे.


कौन हैं अनुपम कुमार सुमन?


अनुपम कुमार सुमन गुजरात कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे हैं. उनको बिहार में विशेष अनुरोध पर तैनात किया गया था. एक समय में वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में शुमार थे. इस दौरान वो बिहार सरकार में अलग-अलग टॉप पोस्ट पर भी तैनात रहे थे. इनमें सचिवालय में प्रमुख सचिव का पद भी शामिल है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार और अनुपम कुमार सुमन की ये करीबी ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाई और साल 2020 में दोनों के बीच दूरियां बन गईं.


कैसे बनीं दूरियां?


साल 2019 में बिहार में जबरदस्त बारिश हुई थी और राजधानी पटना में भी जलजमाव हो गया था. उस समय अनुपम कुमार सुमन नगर आयुक्त हुआ करते थे. इस घटना के लिए सरकार ने उन्हें जिम्मेदार ठहराया था. इस वजह से उन्होंने पटना नगर निगम के कमिश्नर पद से इस्तीफा दे दिया था.


इस घटना के बाद सुमन कुछ नहीं बोले, लेकिन एक साल बाद बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने सीएम नीतीश को आड़े हाथों लेते हुए पटना नगर निगम को नरक निगम तक कह दिया था. इसके साथ ही उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया. उनका कहना है कि जिस वक्त जल जमाव हुआ था उस वक्त वो नगर आयुक्त नहीं थे.


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