पटना: बिहार में जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ मानव श्रृंखला में शामिल सीएम नीतीश कुमार ने कार्यक्रम की समाप्ति के बाद सीएम ने लोगों का किया धन्यवाद. उन्होंने मानव श्रृंखला की चर्चा करते हुए कहा, ''संपूर्ण बिहार इसके माध्यम से एक दूसरे से जुड़ गया. गांधी मैदान में लोग बिहार का नक्शा बनाकर खड़े रहे. महिलाओं, युवाओं और सभी धर्मों के लोगों की इसमें भागीदारी हुई है. यह मामूली बात नहीं है.''
मानव श्रृंखला ने अपना ही बनाया रिकॉर्ड तोड़ा
लगातार अपने ही रिकॉर्ड तोड़ती सीएम नीतीश कुमार की तरफ से बुलाई गई बिहार में ये तीसरी मानव श्रृंखला थी. सबसे पहले साल 2017 में नशामुक्ति यानि शराबबंदी के समर्थन में 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाई गई थी. इसके बाद बाल विवाह और दहेजप्रथा जैसी कुरीतियों के ख़िलाफ़ मानव श्रृंखला 21 जनवरी, 2018 को बनाई गई थी.
पर्यावरण संरक्षक की उपाधि से सीएम हुए सम्मानित, बताया बिहार की जनता है इसकी हक़दार
इस मौक़े पर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह भी शामिल हुए. उन्होंने सीएम को तरुण भारत संघ की तरफ से पर्यावरण संरक्षक-2020 सम्मान से सम्मानित किया और अभिनंदन पत्र भी सौंपा. सीएम ने कहा, ''मुझे पर्यावरण संरक्षक 2020 का जो सम्मान दिया गया है, उसकी वास्तविक हकदार बिहार की जनता है. बिहार की जनता सामाजिक विषयों के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति जागरूक है. आज की मानव शृंखला के लिए हम पूरे बिहार की जनता को धन्यवाद देता हूं.''
सीएम ने अपने भाषण में कहा, ''पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दे पर वे किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे. पर्यावरण की रक्षा से जुड़ा जल-जीवन-हरियाली अभियान निरंतर चलता रहेगा. तभी लोगों में जागरुकता रहेगी. यह खुशी की बात है कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर बिहार के लोग अब सजग हो रहे हैं. उनकी जागरुकता बड़ी बात है. हरियाली बढ़ेगी तब बिहार में पर्यावरण संतुलित रहेगा और इससे आने वाली पीढ़ी का जीवन सुरक्षित रहेगा.''
सीएम ने कहा कि अपनी जल-जीवन-हरियाली यात्रा में उन्होंने यह देखा कि लोगं पर्यावरण संरक्षण की बात सुन कर प्रसन्न होते हैं. पिछले कुछ महीने से लगातार इस पर चर्चा कर रहे हैं. जल और हरियाली के बगैर जीवन नहीं है. जल-जीवन-हरियाली के लिए कार्य-योजना बनाई गई है और उस पर मिशन मोड में काम हो रहा है. सीएम ने कहा कि पर्यावरण की जो स्थिति है, उसमें लोगों की जागृति का खास महत्व है। उनकी जागरूकता हो तभी हम पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं. मुझे इस बात की खुशी है लोगों में जागृति आयी है.
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