Nitish Kumar Meets PM Modi: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार (7 फरवरी) को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह जनता दल यूनाइटेड (JDU) प्रमुख नीतीश कुमार के विपक्षी इंडिया गठबंधन का पिछले महीने साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने के बाद, दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी.


इस दौरान नीतिष कुमार ने दोहराया कि वह अब एनडीए का साथ नहीं छोड़ेंगे.  पीएम मोदी के साथ हुई बैठक के बाद उन्होंने ने गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. माना जा रहा है कि उन्होंने बिहार से संबंधित कई शासन और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की.


'अब एनडीए में रहेंगे'
जेडीयू प्रमुख ने मीडिया से बात करते हुए 2013 में बीजेपी के साथ संबंध तोड़ने से पहले ,1995 से बीजेपी के साथ अपने जुड़ाव को याद किया और कहा कि उन्होंने एनडीए को दो बार छोड़ा, लेकिन अब ऐसा कभी नहीं करेंगे. हम यहीं (एनडीए में) रहेंगे.


12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब 12 फरवरी को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को विधानसभा में विश्वास मत का सामना करना है. हाल ही में नीतीश कुमार ने आठ मंत्रियों के साथ शपथ ली थी, जिनमें बीजेपी और जेडीयू के तीन-तीन मंत्री शामिल थे. फिलहाल अभी मंत्रिपरिषद का विस्तार होना है. 


इसके अलावा दोनों दलों को लोकसभा चुनाव से पहले कई पेचीदा राजनीतिक मुद्दों से निपटना होगा, जिसमें उनके और उनके छोटे सहयोगियों के बीच चुनाव लड़ने के लिए संसदीय सीटों का बंटावारा भी शामिल है. हालांकि, सीट-बंटवारे के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने इसे अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि बीजेपी नेता इससे अवगत हैं. बिहार में राज्यसभा की छह सीट खाली हो रही हैं, जिनके लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है.


2019 में 17 सीटों पर लड़ा था चुनाव
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू ने बिहार में 17-17 सीट पर चुनाव लड़ा था, जबकि तत्कालीन लोक जनशक्ति पार्टी ( LJP) ने छह सीट पर चुनाव लड़ा था. एलजेपी अब दो गुटों में विभाजित है. एनडीए में अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं. 


सूत्रों ने कहा कि एक विचार यह भी है कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि बिहार विधानसभा को भंग कर दिया जाए, ताकि इसका चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ हो सके, हालांकि, बीजेपी इस विचार के प्रति उतनी उत्साहित नहीं लग रही. विधानसभा में बीजेपी की सीट संख्या जेडीयू से अधिक है.


यह भी पढ़ें- UP के बाद साउथ के लिए BJP ने बिछाई बिसात, क्या चंद्रबाबू नायडू देंगे NDA का साथ? आज होगी अमित शाह से मुलाकात