Bihar Politics: 'नए रिकॉर्ड कायम करने में जुटे हैं नीतीश कुमार', चिराग पासवान का निशाना
Bihar Political Row: पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिराग ने नीतीश कुमार को उनके बजाय अपने करीबी सहयोगियों से अधिक खतरा होने का दावा किया.
Bihar Political Row: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाटेड (JDU) पर निशाना साधते हुए चुनौती दी कि वह उनपर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाने के बजाय सीधे बीजेपी (BJP) से मुकाबला करे. पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिराग ने नीतीश कुमार को उनके बजाय अपने करीबी सहयोगियों से अधिक खतरा होने का दावा किया.
उन्होंने आरोप लगाया कि जदयू नेता ने अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का अपमान किया है और इससे पहले शरद यादव और जॉर्ज फर्नांडिस को भी अपमानित किया था. चिराग ने कहा कि इससे पहले किसी ने किसी पार्टी के अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नहीं सुना होगा लेकिन नीतीश कुमार ऐसा करके नया रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं.
चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ उतारे थे उम्मीदवार
उल्लेखनीय है कि चिराग ने वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू द्वारा लड़ी गई सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. माना जाता है कि पांच साल पहले की 70 सीटों की तुलना में जदयू के 43 पर सिमटने के कारणों में यह भी प्रमुख था.
इसी का संदर्भ देते हुए जदयू के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने इसे ‘चिराग मॉडल’ करार दिया था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लोजपा (रामविलास) नेता ने कहा कि अगर कोई चिराग मॉडल है तो वह ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ है जिसको लेकर किए हमारे आह्वान का मुख्यमंत्री ने कभी सम्मान नहीं किया.
'अपनी हार के लिए मुझे नहीं दे दोष'
चिराग ने कहा कि उनको अपनी पार्टी की पराजय के लिए मुझे दोष देना बंद कर देना चाहिए. जदयू बंटी हुई है. आरसीपी सिंह को पार्टी छोड़ने के लिए विवश किया गया, लेकिन नीतीश कुमार को ललन और उपेंद्र कुशवाहा (जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष) जैसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.
जदयू ने दावा किया है कि नीतीश कुमार ने डेढ़ दशक से अधिक समय के अपने शासन में बिहार को बदल दिया है. इसपर चिराग ने नीति आयोग की रिपोर्ट में राज्य की खराब रैंकिंग का हवाला देते हुए कटाक्ष किया कि कल जब नीति आयोग की बैठक हुई तो हमारे मुख्यमंत्री ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया, जबकि यह उनके लिए प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य की मांगों को उठाने का एक अवसर था.
चिराग ने सवाल किया कि नीतीश कुमार को बैठक में शामिल होने में क्या समस्या थी, भले ही वह बीजेपी का विरोध करते हैं. क्या वह ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल जो कि वहां मौजूद थे की तुलना में इस दल के अधिक प्रबल विरोधी हो सकते हैं.
'कुर्सी पर क्यों बने रहना चाहते हैं सीएम'
चिराग ने पूछा कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ कुर्सी पर बने रहने के प्रयास में लगे हुए हैं जबकि प्रदेश में बाढ़ और सुखा, बेरोजगारी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है. चिराग, जमुई से लोकसभा सदस्य हैं. उनके दिवंगत पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को पिछले साल उनके परिवार के बागी सदस्यों द्वारा विभाजित कर दिया गया था. चिराग अब लोजपा (रामविलास) नामक एक अलग समूह के प्रमुख हैं.
चिराग जदयू के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उन्होंने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू को हराने के लिए ‘‘मोहरा’’ के रूप में काम किया था. उन्होंने कहा कि मैं अपने दिवंगत पिता द्वारा ग्रहण किए गए मूल्यों के अनुसार कार्य करता हूं, जिनको मुख्यमंत्री ने कभी उचित सम्मान नहीं दिया. जदयू को मेरे खिलाफ आरोप लगाना बंद कर देना चाहिए और अगर उसे संदेह है कि बीजेपी ने साजिश रची है तो उसे सीधे सहयोगी से भिड़ना चाहिए.
क्यों खड़ा किया था जंगल राज का हौवा?
चिराग जो जदयू नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) लड़ने के लिए उनके पास मुद्दों की कमी थी, तो उन्होंने लोगों को राजद (RJD) को वोट देने से रोकने के लिए जंगल राज का हौवा खड़ा किया. अब वे उससे हाथ मिलाने के मूड में लग रहे हैं.
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