Nitish Kumar Delhi Visit: 'थर्ड फ्रंट नहीं, अब मेन फ्रंट बनेगा', 3 दिवसीय दिल्ली दौरे के बाद बोले नीतीश कुमार
Nitish Kumar PC On Delhi Visit: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दिल्ली दौरे के अंतिम दिन प्रेस वार्ता में इसका निष्कर्ष बताया, साथ ही बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.
Nitish Kumar Delhi Visit Conclusion: बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दिल्ली दौरे ((Nitish Kumar Delhi Visit) के अंतिम दिन तीसरे मोर्चे (Third Front) की संभावना से इनकार किया है और कहा कि इसके स्थान पर मेन फ्रंट (Main Front) बनेगा. प्रेस वार्ता में नीतीश कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा, ''थर्ड फ्रंट नहीं, बनना है तो मेन फ्रंट बनेगा.'' नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की तैयारियों के मद्देनजर विपक्षी दलों के नेताओं (Opposition Leaders) से मिलने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली (Delhi) आए थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा, ''हमने निर्णय लिया और बिहार की साथ पार्टियां एकजुट हुईं. सभी राज्यों में जहां विपक्षी दल हैं, वो मिलेंगे तो देश में माहौल बनना शुरू हो जाएगा और 2024 का चुनाव अच्छा हो जाएगा.''
दिल्ली दौरे के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा, ''पार्टी के नेताओं का फोन आता था बात करने के लिए तो इसी सिलसिले में हम दिल्ली आए, सोनिया जी से मिलेंगे एक बार. सब लोगों से बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. 2024 में बहुत अच्छा चुनाव होगा इस तरफ से. उन लोगों की तरफ से एकतरफा होगा. थर्ड फ्रंट नहीं , बनना है तो मेन फ्रंट बनेगा.'' नीतीश कुमार से जब हरियाणा में चुनावी प्रचार में जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ''हरियाणा की रैली में शामिल होंगे. पहले तो जाते ही थे.''
नीतीश कुमार ने बीजेपी पर ऐसे साधा निशाना
सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लेते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''अटल बिहारी वाजपेयी के छह साल में कितना कार्य हुआ और अभी के कार्यकाल में कोई भी नया काम नहीं हुआ. हर चीज का नामकरण करना और बिना काम किए प्रचार करना, कुछ लोगों की आदत है कि काम न करो और सिर्फ प्रचारित करो.'' विपक्ष के पीएम उम्मीदवार के सवाल पर नीतीश ने कहा, ''हमको नहीं, हमारे अलावा जिसको बनाना है, सब बात कर लेंगे. हमारा काम है सबको एक करना. आपसी सहमति के बाद सब तय हो जाएगा.''
विपक्षी दलों की एकजुटता का क्या निकला निचोड़?
विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर सीएम नीतीश ने कहा, ''कांग्रेस, लेफ्ट या अन्य पार्टियां हों, सब महत्वपूर्ण हैं. सब लोग रिस्पॉन्स कर रहे हैं. सब लोगों की सहमति होगी तो बहुत अच्छा माहौल होगा. इसके बाद एक साथ कई पार्टियों के लोग बैठेंगे. हम इसको जारी रखेंगे.'' उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का फोन आया था. बीजेपी पर हमला बोलते हुए नीतीश ने कहा, ''ये लोग चाह रहे थे कि हर घर नल का क्रेडिट केंद्र को जाए. हम शुरु से ही साल 2016 से हर घर नल पर काम कर रहे हैं, जोकि ये लोग बाद में लाए. हमारी वजह से इनका सपोर्ट बढ़ा और ये लोग हमें ही को हरवा रहे थे. कितना ज्यादा विकास करवाए हैं, कितना बुरा हाल था.''
सुशील मोदी और प्रशांत किशोर पर यह बोले नीतीश
नीतीश कुमार ने बीजेपी नेता सुशील मोदी द्वारा लगातार निशाना बनाए जाने पर कहा, ''सुशील मोदी से अच्छा संबंध रहा है. उनको बनाने के लिए हम बोले थे. मेरे खिलाफ बोलकर वो अच्छा कर रहे हैं ताकि उनको कोई पद मिल जाए. अभी जो डिप्टी सीएम था, उसको भी कोई नहीं बनाया.'' प्रशांत किशोर के बयानों को लेकर नीतीश कुमार ने कहा, ''वो आदमी तो मेरे साथ आया, बाद में सुझाव दिया कि यह सब काम छोड़ दें. उनके बयान का कोई अर्थ नहीं है. भीतर से बीजेपी की मदद करने का मन होगा, इसलिए इस तरह का बयान देते हैं.''
पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार गए थे. उनके दौरे को लेकर नीतीश कुमार ने कहा, ''मालूम है, बिहार के लिए जो काम हुआ है. हमसे अलग हुए तो क्या हुआ था 2015 में? कितनी सीटें आई हैं? मेरे हारने और जीतने वाले प्रत्याशियों ने कहा कि हमारा साथ नहीं दिया गया. हमने उनकी मदद की, इसलिए इनकी इतनी सीटें आ गईं.''
दिल्ली में इन नेताओं से की नीतीश कुमार ने मुलाकात
बता दें कि दिल्ली दौरे के दौरान के सीएम नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के कई नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीपीआई-एम नेता सीताराम येचुरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी से मिले. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की. विपक्षी नेताओं के नीतीश की मुलाकात को लेकर यही कहा गया कि 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा हुई.
नीतीश का 2024 लोकसभा चुनाव मिशन
पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार अगले आम चुनाव के मिशन को साधने के लिए युद्धस्तर पर कोशिशों में लगे हैं. पिछले दिनों जब बिहार में उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ नई सरकार बनाने का निर्णय लिया था. तभी तय हो गया था कि नीतीश कुमार अब दिल्ली की राजनीति के लिए आस्तीनें चढ़ा रहे हैं. दिल्ली आने से पहले उनकी तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से भी अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर मुलाकात हुई थी. केसीआर दरअसल, बिहार दौरे पर आए थे. नीतीश कुमार खुद को भले ही पीएम उम्मीदवार न बताएं, लेकिन जेडीयू के वरिष्ठ नेता उन्हें मोदी के कड़े प्रतिद्वंदी के रूप में देखते हैं. जेडीयू की कोशिश है कि बीजेपी के इर्द-गिर्द ऐसा सियासी चक्रव्यूह गढ़ दिया जाए, जिससे वह पार न पा सके और इसके लिए एक मात्र उपाय विपक्षी एकता का ही है, लेकिन सभी दलों की अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाएं भी हैं जो गाहे बगाहे उम्मीदों के आड़े आ जाती हैं.
ये भी पढ़ें
लोकसभा चुनाव 2024: इन नेताओं में प्रधानमंत्री के पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार कौन?