पटना: महज़ 16 महीने पहले की ही बात है जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'संघ मुक्त भारत' का नारा दिया था. तब नीतीश कुमार बिहार में लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन सरकार चला रहे थे, लेकिन अब सत्ता का समीकरण बदल चुका है. अब नीतीश आरएसएस की राजनीतिक पार्टी बीजेपी के साथ सत्ता में साझीदार हैं, इसलिए अब उनकी बोली भी बदल गई है.


बदले हुए हालात में बात यहां तक पहुंच चुकी है कि नीतीश कुमार उसी संघ के प्रमुख मोहन भागवत के साथ एक मंच साझा करने वाले हैं. अगले बुधवार को नीतीश कुमार भोजपुर में भारतीय प्रसिद्ध धर्मशास्त्री रामानुजाचार्य के 1000वें जन्मदिन के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ नजर आएंगे.


सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस बारे मे कहा, "ये एक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है और इसे राजनीति से ऊपर उठकर देखना चाहिए. उस कार्यक्रम में बहुत से नेता आएंगे. आखिर क्यों मोहन भागवत के बारे में बात की जा रही है."


बीते दिनों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव का नाम घोटालों में सामने आने के बाद ही नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के साथ सरकार बनाई. संघ मुक्त भारत का नारा देने के बाद से ये पहला मौका होगा जब नीतीश संघ प्रमुख से मुलाकात करेंगे.


बीजेपी के साथ सरकार बनाने से भी बढ़कर संघ प्रमुख के साथ मंच शेयर करना कहीं न कहीं नीतीश के विपक्षियों के उस दावे की पुष्टि करता दिखता है जिसके अनुसार नीतीश बजाय विचारधारा के, विजेताओं की तरफ रहना पसंद करते दिखते हैं. राष्ट्रीय जनता दल के शिवानंद तिवारी इस पर टिप्पणी करते हुए कहते हैं, "ये नीतीश की आखिरी राजनीतिक यात्रा होगी."