PFI Activists Booked Under UAPA: तेलंगाना (Telangana) के निजामाबाद ( Nizamabad) में  पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया-पीएफआई (Popular Front of India-PFI) के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. इन पर दंगे के लिए ट्रेनिंग देने का आरोप है. पुलिस ने इन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act- UAPA) की धारा लगाईं हैं. निजामाबाद पुलिस के मुताबिक इन पर पीएफआई के रंगरूटों को प्रशिक्षित करने के लिए एक आदमी को पैसे देकर काम पर रखने का आरोप है.


पीएफआई रंगरूटों की ट्रेनिंग के लिए लाखों रुपए


निजामाबाद पुलिस ने बताया कि 40 साल के शेख शादुल्ला ( Shaik Shadulla), 22 साल के मोहम्मद इमरान (Mohammed Imran ) और 27 साल के मोहम्मद अब्दुल मोबिन (Mohammed Abdul Mobin) पीएफआई के कार्यकर्ता हैं. इन कार्यकर्ताओं को बुधवार 6 जुलाई को तेलंगाना के निजामाबाद जिले में गिरफ्तार किया गया. इन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम -यूएपीए के तहत धार्मिक दुश्मनी पैदा करने और समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया. इन आरोपियों पर पीएफआई के रंगरूटों को प्रशिक्षित करने के लिए जगतियल (Jagtial) निवासी अब्दुल कादर ( Abdul Qader) को छह लाख रुपए में काम पर रखने का आरोप हैं. पुलिस के मुताबिक इनका रखा गया अब्दुल कादर पीएफआई के रंगरूटों को कराटे, कुंग फू और घातक हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग देता था. 


टीचर की निशानदेही पर हुई गिरफ्तारी 


इन तीनों पीएफआई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी 52 वर्षीय पीएफआई कार्यकर्ता और कराटे प्रशिक्षक अब्दुल कादर की गिरफ्तारी के बाद हुई. पेशे से टीचर कादर बीते छह महीने से मार्शल आर्ट और खतरनाक हथियारों को चलाने में रंगरूटों को प्रशिक्षित कर रहा था. निजामाबाद पुलिस के एक बयान के अनुसार, तीनों आरोपियों ने इस काम के लिए टीचर कादर को 6 लाख रुपये में दिए थे. पुलिस ने बताया कि शादुल्ला 2017 में पीएफआई में शामिल हुआ और उसके बाद अन्य दो भी इस संगठन में शामिल हो गए.


पुलिस आयुक्त केआर नागराजू (KR Nagaraju) ने मीडिया को बताया कि तीनों आरोपियों के भरोसे खदर ने पिछले छह महीनों में निजामाबाद शहर के ऑटोनगर (Autonagar) में अपने घर के ऊपरी हिस्से में कुंग फू, कराटे और अन्य मार्शल आर्ट में लगभग 200 युवाओं को प्रशिक्षित किया. पुलिस के मुताबिक इसके अलावा खादर ने कानूनी जागरूकता, शारीरिक और मानसिक दक्षता पर कार्यशालाएं भी आयोजित की थीं.


इन सभी युवाओं को तेलंगाना के निजामाबाद, आदिलाबाद (Adilabad), आंध्र प्रदेश के कुरनूल ( Kurnool ) और कडप्पा (Kadapa) जिलों से भर्ती किया गया था. खादर को पुलिस ने चार जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने पीएफआई के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. उनके कब्जे से पुलिस ने चाकू, लाठियां और कुछ साहित्य जब्त किया है.


सांप्रदायिक तनाव भड़काने की थी तैयारी


पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि ये आरोपी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की तैयारी कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक आरोपी इस काम के लिए  भोले और कमजोर युवाओं की पहचान करने के लिए भर्ती अभियान पर थे, जिन्हें आसानी से काबू में लेकर प्रशिक्षित किया जा सकता था. अब पुलिस की आगे की जांच उन लोगों की पहचान करने के लिए की जा रही है जिन्हें अब तक प्रशिक्षित किया गया था और अगर किसी मिशन को अंजाम देने की योजना थी, तो पुलिस इस काम लिए फंड कहां से आ रहा था इस पर अपनी जांच फोकस करेगी. 


निजामाबाद छठे शहर पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार किए गए लोगों पर यूएपीए की धारा 13 (1) (बी) के अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 ए और 120 बी (आपराधिक साजिश), 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने)  और 141 r/w 34 (गैरकानूनी सभा)  के तहत मामला दर्ज किया गया है. 


पीएफआई ने कहा- सभी आरोप झूठे


इस मामले पर पीएफआई ने भी बयान जारी किया है. पॉपुलर फ्रंट ने कहा कि हम तेलंगाना पुलिस द्वारा संगठन को कलंकित करने और उसके सदस्यों को फर्जी मामलों में फंसाकर गिरफ्तार करने के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं. निजामाबाद पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट के सदस्यों को गिरफ्तार कर उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है. उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और मामला पूरी तरह से पुलिस द्वारा गढ़ा गया है. पॉपुलर फ्रंट के सदस्यों को अब जानबूझकर पूरे राज्य में संगठन को निशाना बनाने के उद्देश्य से मामले में जोड़ा जा रहा है. मामले के पीछे की मंशा स्पष्ट रूप से क्षेत्र में पॉपुलर फ्रंट की गतिविधियों और विकास को रोकने की है. 


पीएफआई (PFI) ने कहा कि अब्दुल खादर (Abdul Khader) निजामाबाद में सबसे पहले गिरफ्तार किया गया. वो पिछले 30 साल से मार्शल आर्ट ट्रेनर हैं. उन्हें एक प्रशिक्षक के रूप में जाना जाता है जो अपने पेशे के हिस्से के रूप में मार्शल आर्ट कक्षाएं संचालित करते हैं. दूसरे, 4 जुलाई को उस जगह पर पीएफआई की कोई बैठक नहीं हुई, जैसा कि पुलिस ने आरोप लगाया है, जिससे साबित होता है कि निजामाबाद पुलिस की कहानी मनगढ़ंत है. पॉपुलर फ्रंट (Popular Front) को अमरावती हत्याकांड (Amravati Murder Case) से जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है, जो संगठन के खिलाफ चल रहे अभियान का भी हिस्सा है.


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