नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजामुद्दीन मरकज मामले में कहा कि इतने लोगों को एक जगह इकट्ठा नहीं किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि नवरात्रि चल रही हैं मंदिरों में कोई नहीं है, गुरुद्वारे खाली है, मक्का खाली है और वेटिकन सिटी खाली है. ये ऐसी बीमारी है कि जिससे बड़े-बड़े देश भी नहीं बचे. इस स्थिति में भी अगर हम गैर-जिम्मेदाराना हरकत करेंगे तो बहुत दिक्कत होगी. ऐसे में एक जगह इतने लोग जुटे, जो बिल्कुल गलत है.


हाथ जोड़कर अपील, सरकार का सहयोग करें- केजरीवाल


केजरीवाल ने कहा, ‘’हाथ जोड़कर मैं सभी धर्मगुरुओं और लोगों से निवेदन करता हूं, किसी भी सभा का आयोजन न करें और सरकार का सहयोग करें.’’ इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने सोमवार को ही दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को एफआईआर दर्ज करने के लिए चिट्ठी लिखी थी. उम्मीद है कि जल्द ही वे आदेश देंगे. अगर किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.


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दिल्ली के 97 में से 24 केस निजामुद्दीन मरकज के हैं- केजरीवाल


केजरीवाल ने बताया कि 1548 लोगों को मरकज से निकाला जा चुका है. 441 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 1107 लोग जिनमें लक्षण नहीं थे उन्हें क्वॉरन्टीन में भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 97 मामलों में से 24 मामले निजामुद्दीन मरकज के हैं. 41 ने विदेश यात्रा की है और 22 विदेशी यात्रियों के परिवार के सदस्य हैं. 10 मामलों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. अभी कोई लोकल कम्यूनिटी ट्रांसमिशन नहीं है.


वहीं दिल्ली में फूड सेंटर्स की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हम 2700 से ज्यादा फूड सेंटर्स लगाने जा रहे हैं. हमलोग रोज दस से बारह लाख लोगों को खाना खिलाएंगे. फिलहाल चार लाख लोगों को रोजाना खाना उपलब्ध कराया जा रहा है.


उधर, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि इतने सारे देशों के विदेशी नागरिक बग़ैर क्वॉरन्टीन और बग़ैर जांच के मरकज़ के प्रोग्राम में कैसे शामिल हो गये? क्या ये नागरिक उड्डयन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, दिल्ली पुलिस घोर लापरवाही नही? दिल्ली सरकार के 13,16,19,21 मार्च के आदेश का उल्लंघन क्यों किया गया?