Nizamuddin Markaz: मौलाना साद और तब्लीगी जमात के अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज, जल्द होगी गिरफ्तारी
सूत्रों के मुताबिक, निजामुद्दीन मरकज मामले को दिल्ली की क्राइम ब्रांच को भेजा जाएगा. इस मामले में जल्द गिरफ्तारी होगी. अरविंद केजरीवाल ने आज कहा था कि इस तरह से लोगों का जुटना गलत है.
नई दिल्ली: दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मामले में मौलाना साद और तब्लीगी जमात के दूसरे लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. महामारी अधिनियम 1897 और आईपीसी की दूसरी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. कोविड 19 के मद्देनजर बस्ती निजामुद्दीन के मरकज को सभाओं पर पाबंदी को लेकर दिए गए सरकारी निर्देशों के उल्लंघन का भी मामला है. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के क्राइम ब्रांच को ये केस भेजा जाएगा और जल्द गिरफ्तारी होगी.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को लेकर देशभर में लॉकडाउन है. ऐसे में लोगों को ये एडवाइजरी दी गई है कि वे बहुत जरूरी काम बिना अपने घरों से न निकलें. सोशल डिस्टेंस का पालन करें ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. लॉकडाउन के एलान के बाद देश के धार्मिक स्थल एहतियाती तौर पर फिलहाल बंद हैं.
आज इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?
बता दें कि इससे पहले आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि था कि उन्होंने एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली के उपराज्पाल अनिल बैजल को सोमवार को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने बताया कि 1548 लोगों को मरकज से निकाला जा चुका है. 441 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 1107 लोग जिनमें लक्षण नहीं थे उन्हें क्वॉरन्टीन में भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 97 मामलों में से 24 मामले निजामुद्दीन मरकज के हैं. 41 ने विदेश यात्रा की है और 22 विदेशी यात्रियों के परिवार के सदस्य हैं. 10 मामलों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, रविवार देर रात दिल्ली पुलिस को खबर मिली कि निजामुद्दीन इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिकल टीम लेकर यहां पहुंचे और इलाके को बंद करने के बाद टेस्ट के लिए लोगों को ले गए. पूरा इलाका सील है. इसमें तब्लीग़-ए-जमात का मुख्य केंद्र, इस केंद्र के सटे हुए निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन और बगल में ही ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है. पुलिस वालों का कहना है कि वे लोगों की पहचान करके उन्हें अस्पताल में क्वॉरन्टीन के लिए भेज रहे हैं.