नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल लगातार जारी है. हड़ताल के कारण दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों की परेशानियों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की. एनएमसी बिल को लेकर विभिन्न एसोसिएशनों के डॉक्टरों ने अपना विरोध दर्ज कराया है. इन संगठनों का आरोप है कि ये बिल ‘‘गरीबी विरोधी, छात्र-विरोधी और अलोकतांत्रिक है.’’ बता दें कि बिल के विरोध में डॉक्टर चार दिन से हड़ताल कर रहे हैं.
यहां राहत की बात ये है कि शुक्रवार तकरीबन आधी रात से एम्स, आरएमएल अस्पताल और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों समेत अधिकांश अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं शुरू कर दी गईं. लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टर गैर-आवश्यक सेवा विभागों में हड़ताल जारी रखेंगे, जिसमें बाह्य-रोगी विभाग (ओपीडी) शामिल है. यह निर्णय देर रात तक चलीं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशनों की बैठकों में लिया गया.
एम्स, सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल अस्पताल में हड़ताल का असर साफ देखा जा सकता है. यहां के रेजिडेंट डॉक्टरों के संघों और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) और यूनाइटेड रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (यूआरडीए) से जुड़े चिकित्सकों ने गुरुवार को आपातकालीन विभाग में काम का बहिष्कार किया. उन्होंने बृहस्पतिवार शाम एनएमसी विधेयक राज्यसभा से पारित होने के बाद शुक्रवार को भी अपनी हड़ताल जारी रखी.
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