Indian medical students: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते यूक्रेन में पढ़ने वाले कई भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई अधर में लटक गई थी. छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वापस लौटना पड़ा था. ऐसे में अब नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने एनओसी (NOC) देते हुए कहा कि जो भी स्टूडेंट्स यूक्रेन से बीच में अपनी मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर लौटे हैं वो अब किसी भी मेडिकल कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे.
युद्धग्रस्त यूक्रेन से वापस लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों को अब दूसरे देशों के विश्वविद्यालयों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी करने की अनुमति मिलेगी. मौजूदा विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ऐसे छात्रों को अपनी शिक्षा पूरी करने की अनुमति देने के लिए यूक्रेन के अकादमिक गतिशीलता कार्यक्रम को मान्यता देने पर सहमत हो गया है, लेकिन डिग्री यूक्रेन के मूल विश्वविद्यालय द्वारा ही दी जाएगी.
यूक्रेन की यूनिवर्सिटी से मिलेगी डिग्री
बता दें कि, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग कानून के अनुसार, विदेशी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को केवल एक ही विश्वविद्यालय से डिग्री लेने की जरूरत होती है. NMC ने विदेश मंत्रालय की सलाह पर यह फैसला लिया. कमीशन ने इसे टेम्परेरी रिलोकेशन कहा है यानी स्टूडेंट्स को डिग्री यूक्रेन की वही यूनिवर्सिटी जारी करेगी, जिसके वो स्टूडेंट्स हैं.
NMC ने इससे पहले के एक नियम में कहा था कि कोर्स के दौरान पूरे सिलेबस की ट्रेनिंग, इंटर्नशिप या क्लर्कशिप एक ही फॉरेन मेडिकल इंस्टीट्यूट से पूरी की जाएगी यानी ट्रेनिंग या इंटर्नशिप का कोई भी हिस्सा किसी दूसरे कॉलेज या यूनिवर्सिटी से नहीं किया जा सकेगा.
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