National Mental Health Programme कर रहा लोगों की मानसिक दशा में सुधार, जानिए क्या है इसके फायदे
भारत में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत 1982 में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए हुई थी. NMHP प्रोग्राम के तहत लोगों को जागरुक कर किसी भी प्रकार के मानसिक बिमार या डिप्रेशन का इलाज करने में मदद की जा रही है.
नई दिल्लीः भारत सरकार ने मानसिक बीमारी से निपटने के लिए देश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) शुरू किया था. इसकी शुरुआत साल 1982 में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे की कमी को ध्यान में रखते हुए की गई थी. डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए भारत राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) शुरू करने वाले सदस्य देशों में से एक है.
फिलहाल देश के छोटे से छोटे जिले तक अपनी पहुंच बनाने के लिए सरकार ने 1996 जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) के तहत शुरु किया गया. इस कार्यक्रम के तहत शहर में किसी भी प्रकार से डिप्रेशन और मानसिक रूप से बिमार लोगों का इलाज करने में मदद की जाती है.
इस कार्यक्रम के तहत ज्यादातर लोगों को योग और मेडिटेशन के जरिए मानसिक स्तर को सुधारने में मदद की गई. इसके साथ ही उन लोगों को जिन्हें जीवन में अकेलेपन के कारण किसी प्रकार का डिप्रेशन है उन्हें अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ समय बिता कर इससे निकलने में मदद की जाती है.
कई बार देखा गया है कि मानसिक तौर पर परेशान और डिप्रेशन के शिकार लोग अकेला रह कर खुद को समय देना पसंद करते हैं. वहीं कुछ मामलों में उनका डिप्रेशन म्युजिक और पालतु जानवरों के साथ रहकर दूर हो जाता है. वहीं कुछ मामलों में पाया गया है कि यात्रा करने से भी लोगों को मानसिक तौर पर पैदा हुई शिकायत दूर हो जाती है.
आज के समय में कोरोना संक्रमण के कारण विश्व में ज्यादातर लोग मानसिक तौर पर कमजोर होते जा रहे हैं. इस स्थिति में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा लोगों की मानसिक दशा में सुधार करने के लिए कई प्रकार से जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
दुनियाभर में COVID-19 से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के साथ ही बढ़ रहे बेरोजगारी और संक्रमण के डर ने लोगों की दैनिक दिनचर्या में भारी बदलाव लाया है. घर से काम करने, अस्थायी बेरोजगारी, बच्चों की होम-स्कूलिंग और परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों से बन रही दूरियां मानसिक तौर पर कमजोर कर रही हैं. ऐसे में NMHP की ओर से कई प्रकार के कार्यक्रम चला कर इससे निपटा जा रहा है.
कोरोनाकाल में बढ़ रहे संक्रमण के आंकड़ों ने लोगों को डरा दिया है ऐसे में NMHP प्रोग्राम के तहत लोगों को जागरुक कर कोरोना संक्रमण के बारे में सही और उचित जानकारी दी जा रही है. जिससे लोगों में इसके प्रति जर कम हो रहा है. कई जगहों पर कोरोना वैक्सीन को लेकर भी अफवाहें तेज होने के कारण NMHP की ओर से इस पर काम किया गया है.
NMHP प्रोग्राम के तहत सोशल मीडिया पर पॉजिटिव खबरों को आपस में शेयर कर लोगों के बीच कोरोना संक्रमण के जर को कम किया जा रहा है. देश के कई हिस्सों में सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना संक्रमण के दौरान हो रही मौत से लोगों में काफी डर पैदा हो गया था. जिससे निजात दिलाने के लिए NMHP के तहत सोशल मीडिया पर कोरोना से रिकवर हो रहे लोगों और कम हो रहे आंकड़े को बता कर महामारी के डर को कम किया गया है.
इसे भी पढ़ेंः
पंजाब पर कांग्रेस की कमेटी ने सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपी, कहा- सिद्धू को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते
कपिल सिब्बल का जितिन प्रसाद पर निशाना, खुद के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर क्या बोले? जानें