NMSRB Meeting: देश में फिर से 26/11 जैसा मुंबई टेरर अटैक नहीं होने दिया जाएगा. ये भरोसा दिलाया है इंडियन कोस्टगार्ड यानि भारतीय तटरक्षक बल ने. इसके लिए भारतीय तटरक्षक बल के 40-45 जहाज और करीब एक दर्जन विमान रोजाना 2.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर वाले समंदर की दिन-रात रखवाली करते हैं. 


मुंबई हमले की 13वीं बरसी से ठीक एक दिन पहले इंडियन कोस्टगार्ड के डीजी मीडिया से मुखातिब हुए थे. मौका था नेशनल मेरीटाइम सर्च एंड रेस्कयू बोर्ड की सालाना बैठक का, जिसके प्रमुख भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक, के नटराजन हैं. इसी दौरान उन्होंने हिंद महासागर और करीब 7500 किलोमीटर लंबी भारत की तटीय सीमा की सुरक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी दी.  


कोस्टगार्ड के डीजी (डायरेक्टर जनरल) के. नटराजन के मुताबिक, वर्ष 2009 से लेकर अबतक तटरक्षक बल विभिन्न मेरीटाइम एजेंसियों और राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर समंदर और कोस्टलाइन पर 300 से ज्यादा युद्धभ्यास और ऑपरेशन कर चुका है. इसका नतीजा ये हुआ है कि समंदर से सटे राज्यों की पुलिस और दूसरी तटीय-विभागों की क्षमताएं बढ़ी है ताकि वे तटीय सुरक्षा को लेकर संवदेनशील रहें. इसके अलावा समुद्र-तटों पर रहने वाले लोगों और खासतौर से मछुआरों में भी सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है. 


डीजी नटराजन के मुताबिक, 26/11 हमले की बरसी को देखते हुए ही इस महीने की 24 तारीख से इंडियन कोस्टगार्ड के 40-45 जहाज इस दौरान समंदर में है. इसके अलावा 10-12 टोही विमान भी समंदर में सर्विलांस रखने के लिए समुद्री एयर-स्पेस में तैनात हैं. इसके अलावा समंदर में आने-जाने वाले सभी छोटी बड़ी बोट्स की तलाशी ली जा रही है ताकि मुंबई हमले जैसी घटना फिर से ना हो सके. कोस्टगार्ड के महानिदेशक ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि इन सुरक्षा इंतेजामों से 26/11 जैसा हमला भारत पर फिर से नहीं हो सकेगा. 


आपको बता दें कि वर्ष 2008 में 26 नबम्बर को मुंबई पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. हमले में शामिल आतंकी कसाब और उसके साथी समंदर के रास्ते से पाकिस्तान से मुंबई पहुंचे थे. उस दौरान समंदर और तटीय सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हुआ था. हमले के बाद से ही सरकार ने तटीय सुरक्षा के लिए कोस्टगार्ड को नोडल  एजेंसी घोषित किया था और तटरक्षक बल के डीजी को कोस्टल-सिक्योरिटी का कमांडर. 


गुरूवार को मीडिया से बातचीत करते हुए डीजी के नटराजन ने कहा कि समंदर और तटीय इलाकों की अभेद सुरक्षा का ही नतीजा है कि पिछले दो सालों में समंदर में करीब 3.5 टन नारकोटिक्स ड्रग जब्त की गई है. पकड़ी गई इस खेप की कुल कीमत करीब 15 हजार करोड़ रूपये है. डीजी ने कहा कि खुफिया रिपोर्ट्स की मानें तो पकड़ी गई ड्रग्स में से ज्यादातर खेप पाकिस्तान के मकरान बंदरगाह (बलूचिस्तान) से ही स्मगलिंग करके भारत तक पहुंची है. 


गुरूवार को ही मुंबई में आईएनएस वेला पनडुब्बी के भारतीय नौसेना की जंगी बेड़े में शामिल होने पर डीजी, के नटराजन ने कहा कि एक नागरिक होने के नाते उन्हें लगता है कि देश सही दिशा में प्रगति कर रहा है ताकि हमारी समुद्री सीमाएं सुरक्षित रहें और किसी भी तरह की कोई जघन्य-गतिविधि या फिर कोई अवांछित व्यक्ति और देश हमारी सीमाओं में घुसपैठ करने की जु्र्रत ना कर सके. 


नेशनल मेरीटाइम सर्च एंड रेस्कयू बोर्ड की सालाना मीटिंग के दौरान कोस्टगार्ड डीजी ने बताया कि तटरक्षक बल के स्थापना के बाद से ही (1978 से) अबतक समंदर में 10 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया जा सका है. इनमें से 400 से ज्यादा लोगों को मेडिकल-इवेक्युशेन की जरूरत पड़ी थी. इसके अलावा राज्य सरकारों की मदद के लिए 12 हजार से ज्यादा लोगों को भी बचाया गया है. 


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