श्रीनगरः कश्मीर घाटी में 2G मोबाइल इन्टरनेट सेवाएं 21 फरवरी तक बढ़ा दी गयी हैं. जम्मू कश्मीर सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार इस हफ्ते के सुरक्षा हालात और सेवाओं की समीक्षा के बाद मोबाइल इन्टरनेट को जारी रखने का फैसला लिया गया.


लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी अभी तक प्रदेश प्रशासन ना तो ब्रॉडबैंड और ना ही 4G सेवाएं शुरू करने में कामयाब हुआ है. सूत्रों के अनुसार सरकार इस बात से परेशान है कि पाबंदी के बावजूद भी बड़ी संख्या में लोग VPN की मदद से सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं. चिंता इस बात से भी है कि जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी भी इस टेक्नोलॉजी की मदद से सरहद पार बात कर रहे हैं.


जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह के अनुसार पाकिस्तानी आतंकियों और उनके समर्थकों की साजिश के तहत घाटी में VPN के इस्तेमाल को बढ़ाया जा रहा है ताकि आतकी संगठन इस का फायदा उठा सकें. इसी लिए सरकार ने जम्मू कश्मीर में इन्टरनेट देने वाली सभी कंपनियों को अपने सर्वर में फ़ायरवॉल और एन्टी सुरक्षा सॉफ्टवेर लगाने के आदेश जारी किये है जिन कि मदद से सभी VPN के इस्तेमाल को रोका जा सके.


इन फ़ायरवॉल के लगाये जाने के बाद ही कश्मीर घाटी में हाई स्पीड ब्रॉडबैंड और 4जी इन्टरनेट सेवाएं शुरू की जाएंगी. विभिन सरकारी और निजी इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने ऐसे सॉफ्टवेयर लाने का काम शुरू किया है जब कि सरकारी भारत संचार निगम - बीएसएनएल ने पहले ही फ़ायरवॉल इन्स्टॉल करवाए हैं.


बीएसएनएल के अधिकारियों के अनुसार, फ़ायरवॉल लगाने से मोबाइल में वह काफी हद तक VPN के इस्तेमाल को रोकने में कामयाब हुए हैं लेकिन हाई स्पीड ब्रॉडबैंड में यह टेक्नोलॉजी काम नहीं आ रही इसीलिए सेवाएं शुरू नहीं की जा सकी हैं.


बता दें कि कश्मीर घाटी में 25 जनवरी से मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाएं दोबारा शुरू करने का फैसला लिया गया जिस के बाद 2G मोबाइल शुरू किया गया लेकिन अभी तक ब्रॉडबैंड शुरू नहीं हो सका है.


जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तीन आतंकियों को ग्रेनेड के साथ किया गिरफ्तार


सेना का वो जवान जिसने कभी नहीं लिया वेतन, अब बनाया है संग्रहालय


इस साल 23 जून से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, 1 अप्रैल से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन, प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन