नई दिल्लीः देश के एटीएम के लिए नए नियम आ गए हैं. अगले साल से शहरी इलाकों में रात 9 बजे के बाद किसी भी एटीएम में कैश नहीं डाला जाएगा. इसके अलावा ग्रामीण इलाकों और गावों में शाम 6 बजे के बाद एटीएम में कैश नहीं डाला जाएगा. नक्सल प्रभावित इलाकों में शाम 4 बजे के बाद एटीएम में कैश नहीं डाला जा सकेगा. अगल साल यानी 8 फरवरी 2019 से ये नए नियम लागू हो जाएंगे.


गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
गृह मंत्रालय ने इस बारे में नए नोटिफिकेशन जारी किए हैं. इसके तहत एक और फैसला किया गया है जिसके तहत कैश ले जाने वाली वैन में 2 गार्ड होने जरूरी होंगे. कैश हैंडलिंग एजेंसियों को बैंकों से दिन के पहले भाग यानी लंच ब्रेक से पहले बैंकों से कैश को लेना होगा और केवल हथियारबंद गाड़ियों में ही कैश ले जाया जा सकेगा.


8 फरवरी 2019 से लागू होंगे नए नियम
गृह मंत्रालय ने आज जारी एक नोटिफिकेशन में कहा कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर यानी (एसओपी) के तहत 8 फरवरी 2019 से ये नियम लागू हो जाएंगे और ये फैसला कैश वैन, कैश वॉल्ट पर बढ़ते हमलों, एटीएम धोखाधड़ी और एटीएम के कैश से जुड़े सुरक्षा के मानकों को और कड़ा बनाने के लिए लिया गया है.


देश में करीब 8000 निजी कैश वैन हैं जो गैर बैंकिंग एजेंसियों के जरिए संचालित होती हैं और ये बैंकों के हवाले से करीब 15,000 करोड़ रुपये का कैश हैंडल करती हैं. इनमें से कुछ कैश एजेंसिया पूरी रात कैश वॉल्ट में कैश रखती है जो लूटपाट के लिए आसान रास्ता बना सकती हैं.


नए नियमों में साफ कर दिया गया है कि शहरी इलाकों में रात 9 बजे, ग्रामीण इलाकों में शाम 6 बजे और नक्सल प्रभावित इलाकों में सुबह 9 बजे से पहले और शाम 4 बजे के बाद एटीएम में कैश नहीं डाला जा सकेगा.


कैश वैन के लिए गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश
कैश के स्थानांतरण के दौरान एजेंसियों को पूरी सुरक्षा मुहैया करानी होगी जिसके तहत हर कैश वैन में एक ड्राइवर के अलावा 2 हथियारबंद गार्ड और 2 एटीएम अधिकारी को ले जाना जरुरी होगा. कैश ले जाने के दौरान 2 गार्ड में से एक गार्ड आगे की सीट पर ड्राइवर के साथ बैठेगा और दूसरा गाड़ी के पिछले हिस्से में बैठेगा.


कैश वैन की सिक्योरिटी
कैश को निकालने और डालने के दौरान चाय या भोजनावकाश के दौरान एक गार्ड को हमेशा कैश वैन के साथ रहना होगा. कैश ट्रांसपोर्टेशन के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों को कैश वैन के लिए सुरक्षाकर्मी रखे जाने के तौर पर वरीयता मिलनी चाहिए. हर कैश वैन ऐसी सिक्योरिटी वाली होनी चाहिए जिसमें जीपीएस ट्रैकिंग की सुविधा हो और ये तय किया जाना चाहिए कि किसी भी वैन में 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश न ले जाया जाए.


कैश वैन में एक छोटा सीसीटीवी सिस्टम होना चाहिए जिसमें कम से कम 5 दिनों की रिकॉर्डिंग की सुविधा हो और इसमें 3 कैमरा लगे होने चाहिए जिसमें से एक आगे, एक पीछे और एक केबिन के अंदर होना चाहिए.


हरेक कैश वैन को एक हूटर, अग्निशमन यंत्र और इमरजेंसी लाइट्स से लैस होना चाहिए जिससे कि कैश वैन पर हमला होने की स्थिति में तुरंत एक्शन लिया जा सके. निजी सिक्योरिटी एजेंसियों को इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि कैश के गिनने, छांटने और बंडल बनाने के साथ साथ उसकी हैंडलिंग करने के दौरान किसी सुरक्षित स्थल पर ही ये काम होना चाहिए और इसके लिए निर्धारित सारे दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन होना चाहिए.