नई दिल्ली: चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरा होने पर बिहार में आयोजित कार्यक्रम ने आज राजनीतिक रंग ले लिया. पटना में इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान समारोह के लिए बिहार सरकार की तरफ से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को न्यौता भेजा गया था.


ऐन वक्त पर राजनाथ सिंह का कार्यक्रम रद्द हो गया, माना जा रहा है कि मंच पर लालू प्रसाद यादव की मौजूदगी की वजह से बीजेपी नाराज हो गई, इसीलिए राजनाथ सिंह समेत एनडीए का कोई भी नेता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ


इस पर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ''आना न आना तो उन पर निर्भर करता है लेकिन हम लोगों ने आमंत्रित किया. हमने तो केंद्रीय गृहमंत्री जी को भी आमंत्रित किया. उन्होंने सहमति दे दी थी लेकिन अंतिम मौके पर जिस कारण से भी हो, वे नहीं आए.''


नीतीश भले ही इसे राजनीति कार्यक्रम ना बता रहे हों लेकिन इस कार्यक्रम के बाद इस पर जमकर राजनीति हो रही है. इस कार्यक्रम में लालू यादव बतौर पार्टी अध्यक्ष मंच पर मौजूद थे. माना जा रहा है कि इसी वजह से राजनाथ सिंह समेत एनडीए का कोई नेता इस कार्यक्रम में नहीं आया.


पूरे मसले पर लालू यादव ने भी प्रतिक्रिया दी, ''आपको नहीं आना था तो पहले सहमति क्यों दी? यहां से नाम हटाना पड़ा, कुर्सी बदलनी पड़ी. उनको मालूम था कि लालू यादव मंच पर आ रहा है, राहुल गांधी आ रहे हैं, इसीलिए नहीं आए. लालू यहीं नहीं रुके, उन्होने इस कार्यक्रम को बीजेपी पर राजनीतिक हमला करने का मंच बना दिया.