कश्मीर में फरवरी के बाद से नहीं हुआ सीजफायर का उल्लंघन, 7 महीने पहले भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ था समझौता
घाटी में भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी सीजफायर उल्लंघन का उचित जवाब देने के लिए तैयार है.
श्रीनगर: भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच फरवरी में हुए समझौते के बाद से कश्मीर में एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन का कोई मामला सामने नहीं आया है. भारत और पाकिस्तान ने 24-25 फरवरी 2021 की मध्यरात्रि से एलओसी और अन्य सभी क्षेत्रों में सभी समझौतों, समन्वय और युद्धविराम के सख्ती से पालन पर सहमति जतायी थी.
सेना के श्रीनगर स्थित 15 कोर या चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे ने कहा कि घुसपैठ के कुछ प्रयास हुए हैं, लेकिन पिछले सालों की सीजफायर का उल्लंघन नहीं हुआ है. जीओसी ने कहा, “सीजफायर उल्लंघन के मामलों में बढ़ोतरी नहीं हुई है. इस साल कोई (सीजफायर उल्लंघन) नहीं हुआ है. कम से कम कश्मीर घाटी में तो ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ.'
पाकिस्तान की ओर से उकसावे वाली कोई घटना नहीं
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से उकसावे वाली कोई भी घटना नहीं हुई. भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी सीजफायर उल्लंघन का उचित जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, 'हम सीजफायर उल्लंघन का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अगर कुछ भी गलत होता है, तो हम उचित जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. लेकिन, यह स्पष्ट है कि सीमा पार से कोई उकसावे की घटना नहीं हुई है.'
इस साल एलओसी के पार से आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ की कोशिशों के बारे में पूछे जाने पर सेना के अधिकारी ने कहा कि शायद ही ऐसा कोई सफल प्रयास हुआ हो. उन्होंने कहा, 'कुछ प्रयास हुए हैं. लेकिन पिछले सालों की तरह सीजफायर उल्लंघनों नहीं हुआ. शायद ही ऐसा कोई सफल प्रयास हुआ हो. केवल दो प्रयास ही सफल हो सकते थे. बांदीपोरा में ऐसे ही प्रयास को नाकाम कर दिया गया. दूसरे मामले में जांच जारी है.'
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