एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की कोई संभावना नहीं: मुख्य चुनाव आयुक्त
लोकसभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने हैं. वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
औरंगाबाद: सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओ पी रावत ने कानूनी ढांचा स्थापित किए बिना लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की संभावना से साफ इंकार किया है. रावत ने कहा, 'कोई संभावना नहीं'. उनसे सवाल किया गया था कि क्या लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना व्यावहारिक है.
लोकसभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने हैं. वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर विचार करने की बात कर चुके हैं. उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि विपक्षी दल इसपर विचार करें. एक साथ चुनाव कराए जाने से खर्च, समय और मैन पावर में कमी आएगी.
वहीं कई विपक्षी दल एक साथ चुनाव के पक्ष में नहीं है. विपक्षी दलों का मानना है कि एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव के फैसले से राज्यों को नुकसान होगा. साथ ही एक तरह की सरकार को बल मिलेगा.