कानपुर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद जरूरत पड़ने पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के साथ सरकार बनाने की किसी भी संभावना से इनकार करते हुये केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आज कहा कि सपा और बीएसपी दोनों असामाजिक तत्वों और भ्रष्टाचारियों की पार्टियां हैं और उनसे हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.


साध्वी ने कहा कि कांग्रेस ने इन दोनों दलों से हाथ मिलाया हुआ है, तभी तो इन्होंने केन्द्र की पूर्ववर्ती यूपीए को समर्थन दिया था.


उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘समाजवादी पार्टी में चार महीने तक चला पारिवारिक ड्रामा एक पूर्व नियोजित कार्यक्रम था. यह केवल अखिलेश यादव की प्रदेश में खराब हो गयी छवि को सुधारने की कवायद थी. यह जरूरी था क्योंकि पिछले चार वर्ष में गुंडागर्दी के कारण सपा की छवि बहुत खराब हो गयी थी.’’ साध्वी निरंजन ज्योति आज भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए कानपुर में थीं. उससे पहले आज सुबह उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से काबू से बाहर है. भ्रष्टाचार का बोलबाला है और विकास कार्य ठप पड़े हैं.’’ उन्होंने कल्याण सिंह के समय की बीजेपी सरकार को याद करते हुये कहा कि उस समय असामाजिक तत्व या तो शहर छोड़कर चले गये थे या जेल में थे. लेकिन एसपी, बीएसपी की सरकारों में ये असामाजिक तत्व सत्ता में वापस आ जाते हैं.


उन्होंने कहा कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती कहती हैं कि सत्ता में आने पर वह सपा के असामाजिक तत्वों को जेल भेजेंगी, लेकिन इतनी बार सत्ता में आने के बावजूद कोई असामाजिक तत्व जेल नहीं गया. बल्कि इस बार चुनाव आते ही उन्होंने कई असामाजिक तत्वों-माफिया को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया.


केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि बीएसपी धर्म के नाम पर वोट मांग रही है. चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए. सपा एक जाति विशेष और सांप्रदायिक आधार पर वोट मांगती है, जबकि बीजेपी सबका साथ सबका विकास के नाम पर वोट मांगती है. उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनती है तो किसी का तुष्टीकरण नहीं होगा बल्कि सबका विकास होगा. महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा होगी और उन्हें शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. युवाओं को रोजगार मिलेगा और किसानों का खास ख्याल रखा जाएगा.


साध्वी ने कहा कि आज समाजवादी पार्टी और कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके ढाई साल के काम का हिसाब मांगती हैं. मोदी 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने पांच वर्ष के काम का हिसाब देंगे लेकिन उससे पहले सपा अपने पांच साल का और कांग्रेस केन्द्र में 10 साल के कामकाज का हिसाब दे.


बाद में एक लड़की की हत्या में सुल्तानपुर के एक विधायक की कथित संलिप्तता के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार आई तो ऐसे लोग जेल की सलाखों के पीछे होंगे.