जयपुरः झील में डूबते हुए को बचाने के पूर्व अभ्यास के दौरान हुए हादसे में सेना के कैप्टन अंकित गुप्ता को लापता हुए पूरे 5 दिन यानी 100 घंटे से अधिक हो चुके हैं. आज भी गोताखोर टीम अंकित को नहीं ढूंढ पाई. कैप्टन की खोज में लगाई गई टीम में करीब 80 से 100 लोग पानी में लगातार बोट से सर्च कर रहे हैं. झील का पानी ठंडा, धुंधला और झाड़ियां होने के कारण गोताखोरों को कैप्टन को ढूंढने में लगातार असफलता मिल रही है.
झील में गायब हुई कैप्टन की बॉडी
गोताखोरों के अनुभव के अनुसार आमतौर पर 3 दिन से अधिक पानी में किसी की भी बॉडी नहीं रहती है, लेकिन इस बार कैप्टन के मामले में गोताखोरों की गणित भी खराब हो चुकी हैं. अब कैप्टन की तलाश में पानी में कंप्रेसर से प्रेशर बनाया जाएगा जिससे कि नीचे का पानी ऊपर आए और ऐसी परिस्थिति में संभावनाएं जताई जा रही है कि प्रेशर बढ़ने से कैप्टन की बॉडी मिल सकती है. वहीं झील का दायरा काफी लंबा होने के चलते हालात और मुश्किल होते जा रहे हैं.
कैमरों की मदद से कर रहे तलाश
भारतीय सेना ने सुबह दिन निकलने के साथ जोधपुर के तख्त सागर जलाशय में पांच दिन से लापता कैप्टन अंकित गुप्ता की खोज का अभियान शुरू किया. सेना ने आज बीस गोताखोरों और विशेषज्ञों की टीम को विशेष रूप से जोधपुर बुलाया. यह टीम अपने साथ पानी में देखने वाले कैमरे भी लेकर आई है. इन कैमरों को पानी में डाल नाव में बैठ विशेषज्ञ पानी के भीतर का पूरा नजारा देख कैप्टन अंकित गुप्ता को तलाश कर रहे हैं.
गोताखोरों ने छान मारा पूरा तख्त सागर
सेना के साथ सिविल डिफेंस, मालवीय बंधु और एसडीआरएफ की टीम भी सेना के कंधे से कंधा मिलाकर इस अभियान में जुटी है. खोज में जुटे विशेषज्ञों के लिए कैप्टन अंकित को खोज पाना बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. गोताखोरों ने पूरा तख्त सागर छान मारा लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली. देश के सर्वोच्च गोताखोरों की लम्बी-चौड़ी फौज और संसाधन भी कैप्टन को ढूंढ़ नहीं पा रहे हैं. बतौर कमांडो कैप्टन का नहीं मिलना सेना के साथ शहरवासियों के बीच आश्चर्य का विषय भी बना हुआ है. सभी के जहन में बार-बार एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर कैप्टन कहां चले गए?
डूबतों को बचाने का अभ्यास कर रहे थे कमांडो
सेना की 10 पैरा यूनिट के टॉप चयनित कमांडो बीते गुरुवार को दोपहर करीब बारह बजे डूबतों को बचाने का अभ्यास कर रहे थे. हैलिकॉप्टर ने रस्सी की मदद से पांच कमांडो को तख्तसागर झील के बीचों-बीच उतारा था. अभ्यास के बाद चार कमांडो रस्सी पकडकर हैलिकॉप्टर में पहुंच गए, लेकिन कैप्टन अंकित गुप्ता गहरे पानी में लापता हो गए.
झील की झाडिय़ों में फंसने का अंदेशा
कैप्टन और कमांडो को पानी में डूबने वालों को एयर लिफ्ट करना था. कैप्टन अंकित को झील से बाहर निकालने के लिए सेना, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और मालवीय बंधु के गोताखोर लगातार लगे हुए हैं. पुलिस और गोताखोरों को अंदेशा है कि सर्दी और ठण्डे पानी की वजह से उन्हें हार्ट अटैक आ गया होगा. फिर उनके झील में जमी काई या झाडिय़ों में फंसने का अंदेशा है.
बता दे कि 61 फीट भराव क्षमता वाले तख्तसागर में इस समय 46 फीट पानी भरा हुआ है. इसका तल समतल नहीं होकर पहाड़ी क्षेत्र है. साथ ही इसमें बहुत अधिक झाड़ियां उगी हुई है. ऐसे में माना जा रहा है कि पानी की गहराई में जाने के दौरान अंकित इनके बीच में कहीं फंस गए होंगे. इसे ध्यान में रख गोताखोर झाडिय़ों में उन्हें तलाश कर रहे हैं.
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