Parliament Winter Session: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. विपक्षी दलों की ओर से दिए गए इस नोटिस पर अलग-अलग विपक्षी दलों के 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं. इस नोटिस में कहा गया है कि हम देश के उपराष्ट्रपति, जो कि राज्यसभा के अध्यक्ष भी हैं, उनको हटाने के लिए विश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे रहे हैं. इस नोटिस पर इंडिया गठबंधन के तहत आने वाले तमाम राजनीतिक दलों ने हस्ताक्षर किए हैं.


राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ दिया गया यह नोटिस संविधान के अनुच्छेद 67 (बी) के तहत दिया गया है. इस नोटिस में कहा गया है कि राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ अलग-अलग राजनीतिक दलों का विश्वास है और इसी वजह से उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का यह नोटिस दिया जा रहा है.


क्या कहते हैं विपक्षी सांसद


विपक्षी सांसदों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से राज्यसभा में जिस तरह से जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के सांसदों को बोलने का मौका दिया जा रहा है और विपक्षी सांसदों को अपनी बात तक नहीं रखना दी जा रही. यह राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीश धनखड़ का पक्षपात पूर्ण रवैया दिख रहा है. विपक्षी सांसद तो ये आरोप भी लगा रहे हैं कि ये कोई पहला मौका नहीं है. पिछले सत्र के दौरान भी अध्यक्ष का इसी तरीके का रवैया देखने को मिला था जिसके बाद यह अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लाने की तैयारी की गई.


सचिवालय में दिया नोटिस


यहां यह बताना भी जरूरी है कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान भी राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस तैयार किया था, लेकिन उस दौरान वह नोटिस दिया नहीं दिया गया था, लेकिन इस बार विपक्षी सांसदों ने ना सिर्फ नोटिस तैयार किया बल्कि उसको राज्यसभा के सचिवालय में दे भी दिया है.


विपक्ष के पास नहीं है संख्या


हालांकि, विपक्षी सांसदों को जरूर कहना है कि उनको पता है कि उनके पास राज्यसभा में इस अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने की संख्या नहीं है, लेकिन फिर भी यह अविश्वास प्रस्ताव इस वजह से लाया गया, जिससे कि बताया जा सके की किस तरह से राज्यसभा में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है और यह काम कोई और नहीं कर रहा बल्कि राज्यसभा के अध्यक्ष ही ऐसा कर रहे हैं.


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