नई दिल्ली: 2019 को संदेश देने के लिए कल संसद में राजनीतिक संग्राम शुरू होगा. अविश्वास प्रस्ताव पर जीत हार के साथ कौन सा दल किसके साथ..यह भी जनता को स्पष्ट समझ आने लगेगा. सरकार और विपक्ष दोनों ही इस अविश्वास प्रस्ताव के जरिए संसद में सियासी रोटी सेंक रहे हैं. मोदी सरकार को जीत का पूरा भरोसा है वहीं विपक्ष का दावा है कि सरकार को संसद में बेनकाब करने का मौका मिलेगा.

विपक्ष को क्या फायदा?

1. अविश्वास प्रस्ताव लाए पर विपक्ष के पास सरकार गिराने लायक नंबर नहीं, हालांकि सोनिया का दावा है कि नंबर हैं.

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2. अब तक चर्चा से बचती रही सरकार को कश्मीर, बेरोजगारी, किसान, भीड़तंत्र जैसे मुद्दों पर घेरने का मौका मिलेगा.

3. बिखरे विपक्ष की जगह बनते महागठबंधन में मोदी का विकल्प दिखेगा - यूपी में SP-BSP, कर्नाटक में कांग्रेस-JDS

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4. सरकार के सहयोगी दल सरकार के पक्ष में वोट देने के बावजूद सरकार को आईना दिखा सकते हैं – शिवसेना आदि.

5. अविश्वास प्रस्ताव के बहाने जब वोटिंग होगी तो यह भी साफ हो जाएगा कि कौन सा दल किसके साथ खड़ा है.

6. कुछ बीजेपी सांसद व्हिप के बावजूद गैरहाजिर या सरकार के खिलाफ वोट डाल कर बीजेपी को झटका दे सकते हैं - शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद, सावित्री फुले, राजकुमार सैनी, अशोक दोहरे, छोटेलाल, भोला सिंह बीमार.

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सरकार के लिए अविश्वास प्रस्ताव के मायने

1. नंबर गेम में सरकार की जीत और विपक्ष की हार तय, साफ संदेश जाएगा कि अभी भी मोदी सरकार मजबूत है.

2. अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष के मुद्दों पर चर्चा से संसद चलने का रास्ता साफ होगा, जरूरी बिल पास कराने का मौका.

3. विपक्ष को हराने से विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी का मनोबल बढेगा, फायदे की उम्मीद जगेगी.

4. आलोचना का जवाब तो प्रधानमंत्री ही देंगे. मोदी का जवाबी भाषण विपक्ष पर भारी पड़ सकता है.

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5. विपक्ष पर हमला लाइव टेलिकास्ट से घर घर पहुंचेगा, अविश्वास प्रस्ताव वाहवाही लूटने का साधन बन जाएगा.

6. सरकार का रिपोर्ट कार्ड संसद के माध्यम से देश के सामने रखने का मौका मिलेगा, बीजेपी का चुनावी मोड सेट हो जाएगा.

7. बीजेपी का दावा है कि सावित्री फुले को छोड़ बाकी सब प्रस्ताव के विरोध में वोट देंगे.

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