नई दिल्ली: बीजेपी की पूर्व सहयोगी टीडीपी और टीडीपी की विरोधी पार्टी YSRC ने आज संसद में फिर से अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. टीडीपी ने दो और YSRC ने एक नोटिस दिया. टीडीपी और टीआरएस सांसदों के वेल में खड़े होकर हंगामा करने की वजह से लोकसभा 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. हंगामे की आशंका के बीच प्रस्ताव पर चर्चा की फिलहाल उम्मीद नहीं.


आपको बता दें कि आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में आज फिर हंगामा की आशंका है. प्रस्ताव को लेकर कुछ पार्टियों को छोड़कर लगभग पूरा विपक्ष अब एकजुट नज़र आ रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ विपक्ष आज पहला अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहा है.


टीडीपी और टीडीपी की घोर विरोधी आंध्र की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव का ऐलान किया है. इस पर बात करते हुए टीडीपी के सांसद रविंदर बाबू ने कहा, "अविश्वास प्रस्ताव लाने की वजह ये है कि हमारा विश्वास बीजेपी के ऊपर से खत्म हो गया है."


वहीं वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा, "हम चाहते हैं पूरे देश को ये पता चले कि आंध्र प्रदेश के लोग क्यों मुसीबत झेल रहे हैं? इसीलिए हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं. हमने सभी विपक्षी दलों से बात की है. सभी साथ आ रहे हैं. जब हम अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे तब कांग्रेस, टीएमसी, सीपीएम, एसपी हमारे साथ खड़े होंगे."


मोदी सरकार के खिलाफ पहले अविश्वास प्रस्ताव को लेफ्ट और कांग्रेस ने भी समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने इसपर कहा, "हम अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया है. बीजेपी ने आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने का वायदा पूरा नहीं किया. हैदराबाद के तेलंगाना में जाने की वजह से जो आर्थिक क्षति हुई है उसकी भरपाई होनी चाहिए थी. विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए था."


वहीं कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार का कहना है कि उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव के साथ है. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष इसपर एकजुट है. अश्विनी कहते हैं कि उन्हें तो पहले से ही सरकार पर अविश्वास है. वहीं उन्होंने जानकारी दी की इस प्रस्ताव को लाने के लिए उनकी पार्टी ने जरूरी 54 वोट जुटा लिए हैं.


क्या है नंबर गेम


सरकार से अलग हुई टीडीपी के पास 16 सांसद हैं. अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली एक और पार्टी वाईएसआर के पास नौ सांसद हैं. 34 सांसदों वाली बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की टीएमसी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. यानी अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी 54 सासंदों का समर्थन मिल गया है. कांग्रेस साथ आती है तो इस प्रस्ताव को और ज्यादा बल मिलेगा.


विपक्ष तो बीजेपी सरकार के खिलाफ गोलबंदी में जुटा ही है. एक खबर ये भी है कि सहयोगी शिवसेना ने भी अविश्वास प्रस्ताव पर तटस्थ रहना का ऐलान कर दिया है. शिवसेना सांसद चंद्रकांत खैरे ने कहा कि 2019 के चुनावों से पहले अविश्वास की वजह से 2014 में सरकार बनाने वाले मोदी सरकार के सामने एक संकट जरूर खड़ा हो जाएगा और 2019 का चुनाव जीतने के लिए उन्हें नए सिरे से रणनीति पर काम करना होगा.